हॉकी वर्ल्डकप 2018: जर्मनी ने तीन बार की विश्व चैंपियन नीदरलैंड्स को 4-1 से हराया
जर्मनी की तरफ से मैथियस मुलर (30वें मिनट), लुकास विंडफडर (52वें मिनट), माकरे मिल्टकाउ (54वें मिनट) और क्रिस्टोफर रूहर (58वें मिनट) ने गोल किए।
(अशोक ध्यानचंद, सदस्य हॉकी वर्ल्डकप विजेता टीम)
भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में बुधवार को हॉकी विश्व कप के पूल-डी के पहले मैच में दो बार की विश्व विजेता जर्मनी ने तीन बार की विश्व चैंपियन और पिछली बार की उप विजेता नीदरलैंड्स को 4-1 से शिकस्त दी। जर्मनी की तरफ से मैथियस मुलर (30वें मिनट), लुकास विंडफडर (52वें मिनट), माकरे मिल्टकाउ (54वें मिनट) और क्रिस्टोफर रूहर (58वें मिनट) ने गोल किए। नीदरलैंड्स की ओर से एकमात्र गोल वेलेंटिन वर्गा (13वें मिनट) ने किया।
दोनों यूरोपीय टीमें हैं और यूरोपीय टीमें खेल में गति, क्षमता और शक्ति के लिए पहचानी जाती हैं। इस मैच में भी यह सब देखने को मिला। यह मुकाबला एक तरह से एक दिन पहले ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच हुए मैच की पुनरावृत्ति था। उस मैच में भी पहले तीन क्वार्टर तक दोनों टीमें बराबरी पर थीं और इस मैच में भी ऐसा ही हुआ। इतना अंतर जरूर रहा कि ऑस्ट्रेलिया व इंग्लैंड के बीच मैच में तब तक कोई गोल नहीं हुआ था, जबकि जर्मनी व नीदरलैंड्स की टीमें 1-1 से बराबरी पर थीं।
दोनों ही मैचों में चौथे क्वार्टर में तीन-तीन गोल हुए। हालांकि, इन दोनों मैचों में एक अंतर जो नजर आया वह यह कि जर्मनी और नीदरलैंड्स के बीच मैच में गोल के लिए काफी प्रयास किए गए। पहले हाफ में नीदरलैंड्स की टीम हमला बोल रही थी। पहले क्वार्टर में नीदरलैंड्स के कप्तान बिली बकर गेंद को गोलपोस्ट के पास टच नहीं कर पाए और गोल करने का बेहतरीन मौका गंवा दिया।
वेलेंटिन वर्गा और बॉब डे वोग्ड ने भी गोल करने के बेहतरीन मौके गंवाए। नीदरलैंड्स के वर्गा ने 13वें मिनट में मिर्को प्रूइजर के क्रॉस रिवर्स हिट पर गोल किया। जर्मनी के मैथियस मुलर (30वें मिनट) ने पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर हाफटाइम से ठीक पहले अपनी टीम को 1-1 से बराबरी दिलाई।
तीसरे क्वार्टर में नीदरलैंड्स को लगातार तीन पेनाल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन एक को भी वे गोल में नहीं बदल सके। तीसरा और चौथा क्वार्टर पूरी तरह से जर्मनी के नाम रहे। जर्मनी ने चौथे क्वार्टर में तीन गोल दागकर मैच अपने नाम किया।
जर्मनी की टीम की जीत का अंतर और ज्यादा हो सकता था, लेकिन उसने कुछ मौके गंवाए। सबसे अच्छा मौका तो मैच के अंतिम समय में आया था जब जर्मनी के डाइटर लिनेकोजेल ने दायीं ओर से जाकर बेहतरीन शॉट मारा, लेकिन जर्मनी का ही एक अन्य खिलाड़ी उस शॉट के बीच में आ गया। नीदरलैंड्स के पास भी कुछ अच्छे मौके थे और वह भी उसे गोल में नहीं बदल सके।