वेबसाइट बनाने के लिए सदस्य इकाइयों की वित्तीय मदद करेगा हॉकी इंडिया
हॉकी इंडिया ने अपने सदस्य इकाइयों को वेबसाइट बनाने के लिए वित्तीय मदद देने का फैसला किया है क्योंकि इससे नेटवर्क मजबूत बना रहता है और जानकारी सार्वजनिक रहती है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। हॉकी इंडिया ने एक बड़ा फैसला अपनी राज्य इकाइयों के हित में लिया है। राज्य इकाइयों को अपनी अलग वेबसाइट बनाने को प्रोत्साहित करने के लिए हॉकी इंडिया ने अपनी प्रत्येक स्थायी सदस्य संस्था को एक लाख रुपये की सालाना वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है। इस बात का ऐलान हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोमबाम ने किया है। निंगोमबाम ने ये भी बताया है कि राज्यों को ये मदद किस तरह दी जाएगी।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोमबाम ने अपनी सदस्य इकाइयों को लिखे पत्र में कहा है कि यह अनुदान चार बराबर 25-25 हजार रुपये की किस्त में प्रत्येक तिमाही दिया जाएगा। निंगोमबाम ने पत्र में लिखा है, "हमारी राज्य सदस्य इकाइयों को यह सुनिश्चित करना अहम है कि सूचना साझा की जाए और इसे सार्वजनिक होना चाहिए।"
उन्होंने आगे लिखा है, "अपडेट की हुई वेबसाइट की महत्ता को देखते हुए हॉकी इंडिया के कार्यकारी बोर्ड ने प्रत्येक राज्य सदस्य इकाई को इसमें मदद करने के लिए सालाना रूप से एक लाख रुपये का अनुदान मुहैया कराने का फैसला किया। यह अनुदान उन योग्य स्थायी राज्य सदस्य इकाई को 25-25 हजार रुपये के हिसाब से साल में चार बार (तीन तीन महीने बाद) दिया जाएगा, जिनकी वेबसाइट काम कर रही होंगी और उसमें उनसे संबंधित जानकारी होगी और साथ ही वह नियमित आधार पर अपडेट भी होती होंगी।"
हॉकी इंडिया ने क्रिकेट की तर्ज पर हर राज्य की अलग वेबसाइट तैयार कराने का फैसला किया है। अलग-अलग राज्यों में या फिर बीसीसीआइ की इकाइयों की अलग वेबसाइट है, जहां खिलाड़ियों की जानकारी रहती है। इसके अलावा टूर्नामेंट और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी वेबसाइट के जरिए हो सकती है। कोरोना वायरस महामारी के दौरान वेबसाइट ही एक अच्छा जरिया है, जिससे हम सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रख सकते हैं, क्योंकि तमाम प्रक्रियाएं ऐसी होती हैं जो ऑनलाइन पूरी हो सकती हैं।