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ऊना का जवान जम्मू कश्मीर के सोपोर में शहीद

ऊना का सिपाही जम्मू-कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 07:00 PM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 07:00 PM (IST)
ऊना का जवान जम्मू कश्मीर के सोपोर में शहीद
ऊना का जवान जम्मू कश्मीर के सोपोर में शहीद

बंगाणा/ऊना, जागरण टीम। हिमाचल प्रदेश में  ऊना का सिपाही जम्मू-कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गया है। पंजाब रेजीमेंट में कार्यरत 33 वर्षीय बृजेश सोपोर में शुक्रवार सुबह हुई सुरक्षाबलों और आतंकियों के मध्य हुई मुठभेड़ में शहीद हो गया। इसकी सूचना मिलने पर परिजनों सहित गांव में शोक की लहर है। शनिवार को शहीद बृजेश का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। जबकि, शहीद के घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है। 

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शहीद बृजेश वर्ष 2003 में पंजाब रेजीमेंट में भर्ती हुआ था। शुक्रवार को दो आतंकियों ने बारामूला जिला के सोपोर में सेना पर हमला किया था। इस मुठभेड़ में सेना ने आतंकियों को मार गिराया व बृजेश गंभीर रूप से घायल हो गया। बाद में श्रीनगर में अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी सिपाही अपने पीछे पत्नी, बेटी व मां को छोड़ गया है। जबकि उसके पिता धर्मचंद का पहले ही देहांत हो चुका है। देश के लिए प्राणों की आहुति देने वाले इस जांबाज सैनिक का परिवार उसी पर आश्रित था। बताया जा रहा है कि उसकी पत्नी श्वेता गर्भवती हैं और उसकी छह साल की बेटी भी है।

शहीद की पत्नी श्वेता व माता धुव्री देवी का का रो-रोकर बुरा हाल है। क्योंकि महिलाओं के सबसे बड़े पर्व करवाचौथ के एक दिन पहले ही श्वेता पर दुखों का पहाड़ गिरा है। उसको बृजेश की विधवा शायद ताउम्र भूल नहीं पाएगी। बृजेश की शादी वर्ष 2009 में अमरेहड़ा गांव की श्रवेता के साथ हुई थी। जबकि उसने अपनी स्कूली शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धुंधला से प्राप्त की थी।

वहीं, यह सूचना मिलने पर शहीद के घर पर परिजन गहरे शोक में है। जबकि बृजेश की शहादत पर कई लोग उनके आवास पर परिजनों ढांढस बंधा रहे हैं।

इसे बिडंबना ही कहेंगे कि शहीद बृजेश का शव शनिवार को करवाचौथ के दिन पहुंचेगा। जो पत्नी हर साल उसकी सलामती की दुआएं मांगती थी, उसे इस दिन ही उसका शव देखना पड़ेगा। श्वेता ने कई करवाचौथ के व्रत अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखे। पर उसे इस बात का आभास तक नहीं था कि दोनों का इतना ही साथ लिखा है। लेकिन करवाचौथ व्रतों का फल उसे इस रूप में मिलेगा। एक तरफ यहां सभी महिलाएं पति की सलामती के लिए चांद का दीदार करेंगी, लेकिन उसके लिए यह रात सबसे भयावह होगी।

जताया शोक

बृजेश की शहादत पर कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर, प्रदेश भाजपाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, सांसद अनुराग ठाकुर, ऊना के विधायक सतपाल सिंह रायजादा, जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विवेक शर्मा,पूर्व विस उपाध्यक्ष राममनाथ शर्मा, खादी आयोग के पूर्व चेयरमैन देसराज गौतम, ऊना ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्ष हजारी लाल धीमान, देसराज मोदगिल व सुभाष धीमान कई गणमान्य लोगों ने शोकाकुल परिवार के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया है।

दस दिन पहले आया था छुट्टी पर घर 

शहीद बृजेश अभी दस दिन पहले ही घर आया था। छुट्टी के दौरान अपने परिवार, संबंधियों व दोस्तों के साथ वक्त बिताया था। उसके दोस्त राजेश उर्फ लक्की ने बताया कि बृजेश हंसमुख मिजाज का था और सभी से मिलजुलकर रहता था। सेना में भर्ती होने के बाद भी वह अपने दोस्तों के संपर्क में था। उसके भर्ती होने के बाद भी उसमें कोई फर्क नहीं आया था। अपने दोस्त के शहीद होने के बारे में सुनकर उन्हें काफी आघात लगा। उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि यह सच्चाई है। जब यह सूचना पुख्ता हुई तो उनके पांव तले जमीन खिसक गई। अपने दोस्त की शहादत पर उन्हें गर्व हैं, लेकिन उसे खोने का पूरी उम्र गम रहेगा।


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