शिव तालाब मार्ग हो गया उपेक्षा का शिकार
स्थानीय शिव तालाब मंदिर के समीप वो ऐतिहासिक बावड़ी
नीरज पराशर/बृजमोहन कालिया, चितपूर्णी
स्थानीय शिव तालाब मंदिर के समीप वो ऐतिहासिक बावड़ी है, जहां दुर्गा भक्त बाबा माईदास ने मां चितपूर्णी के कहने पर पत्थर उखाड़ा था और वहां जल की पवित्र धारा बह निकली थी। सदियों से अब इसी बावड़ी के जल से मां की पावन पिडी का स्नान करवाया जाता है। इस स्थान पर शीश नवाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी वहां पहुंचते हैं। इसी मार्ग पर दो सरकारी स्कूल भी हैं। बावजूद मंदिर न्यास ने इस मार्ग को एक तरह से लावारिस छोड़ दिया है। मंदिर के वापसी द्वार से होते हुए जब मां के भक्तों को इस रास्ते से जाते हुए दुर्गंध का भी सामना करना पड़ता है। नालियों की सफाई कब हुई, यह शायद किसी को नहीं पता है। शिव तालाब से ऐन पहले पौड़ियों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। कई बार गंदा पानी इन्हीं पौड़ियों से होता हुआ बहता है।
शिव तालाब की सफाई किए हुए भी लंबा अरसा बीत गया लगता है। वहीं, ऐतिहासिक बावड़ी की छत पर घास उग चुका है और वहां मरम्मत करवाना समय की मांग है। हैरत की बात यह है कि इसी मार्ग पर ही मंदिर कार्यालय स्थित है लेकिन शायद कार्यालय से आगे कोई अधिकारी या कर्मचारी दौरा करना ठीक नहीं समझता है।
लक्कड़ बाजार की दुर्दशा से भी न्यास है अनजान
मंदिर न्यास के नियंत्रण कक्ष से महज दस मीटर की दूरी पर है लक्कड़ बाजार। मां के दर्शन करने के बाद वापसी गेट से होते हुए श्रद्धालु यहीं पहुंचते हैं लेकिन इस बाजार की दुर्दशा को लेकर शायद न्यास अनजान बना हुआ है। बाजार की नालियां गंदगी से भरी पड़ी रहती हैं। सफाई व्यवस्था के नाम पर यहां रस्म अदायगी ही की जाती है। नरियाल बस्ती रोड पर भी कई बार खुले में फेंका गया कूड़ा न्यास की सफाई व्यवस्था की पोल खोलता रहा है। नारी ग्राम सुधार सभा के सदस्य भोला सिंह ठाकुर का कहना है कि लक्कड़ बाजार, नरियाल बस्ती रोड़ और शंभू बाईपास का क्षेत्र नारी-चितपूर्णी पंचायत के अधीन आता है। इस पंचायत के मंदिर न्यासी होने के बावजूद यहां हर तरफ गंदगी का आलम है। शुभू-बाईपास मार्ग की तरफ कभी सफाई कर्मचारी नहीं दिखते हैं।
वहीं, मंदिर न्यासियों शशि कालिया और एश्वर्य शर्मा ने बताया कि चितपूर्णी में सफाई व्यवस्था एक गंभीर मुद्दा है और इसके बारे में वह ट्रस्ट की बैठक में चर्चा करेंगे। तकि इसके जीर्णीद्वार के लिए उचित कदम उठाए जा सके।
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