बणी में 42 निराश्रित महिलाओं को वितरित की पेंशन
कैप्टन संजय पराशर ने कहा कि वह समाज की अंतिम पंक्ति मे खड़े व्यक्ति की बेहतरी के लिए अंतिम सांस तक काम करते रहेंगे।
संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : कैप्टन संजय पराशर ने कहा कि वह समाज की अंतिम पंक्ति मे खड़े व्यक्ति की बेहतरी के लिए अंतिम सांस तक काम करते रहेंगे। कई बार इंसान भाग्य की परिस्थितियों के आगे मजबूर व असहाय हो जाता है। अगर समाज का अग्रणी तबका अपने नैतिक दायित्व का निर्वहन करे तो निसंदेह पीड़ित को विषम हालात से उभरने में मदद मिलती है। यह बात उन्होंने रविवार को जसवां-परागपुर की बणी पंचायत के शिव मंदिर में निराश्रित महिलाओं के पेंशन वितरण समारोह में बतौर मुख्य शिरकत करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि जिस महिला के पति का असमय निधन हो जाता है उसे जिदगी का सफर निराशा भरा लगता है। उन्होंने अपने परिवार में यह दुख करीब से देखा है। इस मौके पर पराशर ने 42 निराश्रित महिलाओं को मासिक पेंशन के चेक भेंट किए। संजय ने कहा कि वह निराश्रित बहनों के हित के लिए एक प्रोजेक्ट के तहत कार्य कर रहे हैं। जसवां-परागपुर क्षेत्र में ऐसी बहनों को पेंशन तो उनके बच्चों को स्कालरशिप दी जा रही है। महादेव जनकल्याण संस्था गरली के माध्यम से जो महिलाएं उनके साथ जुड़ी हैं, वे अब उनके परिवार की सदस्य हैं। संस्था लंबे अरसे से इन निराश्रित महिलाओं की मदद कर रही है। संस्था के संस्थापक सदस्य पंडित हेमराज ने कहा कि संजय ने तीन माह पूर्व इन महिलाओं को पेंशन के साथ प्रेशर कुकर भी भेंट किए थे।
इस अवसर पर संस्था की महासचिव निर्मला राणा, पूर्व ब्लाक समिति चैयरमैन गुरचरण सिंह, संजीव शर्मा, निर्मला राणा, रमेश शर्मा, भवनीश व सुखदेव सेठी मौजूद रहे। पति की मौत के सात दिन बाद हो पेंशन का प्रविधान : संजय
संजय पराशर ने कहा कि निराश्रित बहनों के लिए पति की मृत्यु के सात दिन के भीतर ही पेंशन मिलने की व्यवस्था होनी चाहिए। जनता के द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों का यह कर्तव्य और दायित्व है कि संकट के समय अपनी माताओं व बहनों के साथ खड़े रहें और पेंशन की इस व्यवस्था को लागू करवाने पर कार्य करें।