श्रद्धालुओं की कसौटी पर खरा उतरा मेला प्रशासन
नीरज पराशर चिंतपूर्णी मा छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी में सावन अष्टमी नवरात्र मेले का समापन शुक
नीरज पराशर, चिंतपूर्णी
मा छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी में सावन अष्टमी नवरात्र मेले का समापन शुक्रवार शाम को हो गया। मेले में प्रशासन श्रद्धालुओं की कसौटी पर खरा उतरने में काफी हद तक सफल रहा। उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से करीब सवा तीन लाख श्रद्धालुओं ने हाजिरी भरी। यह संख्या पिछले मेले से कम रही। मेले में छिटपुट घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई और मेला शातिपूर्वक तरीके से निपट गया।
मेला प्रशासन ने मेले में सराहनीय भूमिका निभाई और बैक डोर एंट्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध देखने को मिला। दिलचस्प बात यह भी रही कि वीआइपी लोगों को भी इस बार मा के दर्शनों के लिए घटों लाइन में लगना पड़ा। प्रशासन ने किसी से भी कोई लिहाज नहीं बरती। मेले में पंक्ति व्यवस्था बिना किसी व्यवधान के चलती रही और कुल मिलाकर पर्ची सिस्टम भी कामयाब रहा। प्रशासनिक अधिकारियों ने मेले में एक टीम की तरह काम किया और श्रद्धालुओं को किसी खास परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। हालाकि मेला प्रशासन का स्टाफ इस बार नया था। यहा तैनात स्टाफ को चिंतपूर्णी मेले का कोई ज्यादा अनुभव नहीं था। बावजूद इसके प्रशासनिक अधिकारियों ने शत-प्रतिशत दाव पर लगाकर व्यवस्था को बनाने में अहम भूमिका निभाई। विशेष रूप से मेला अधिकारी अरिंदम चौधरी दिन-रात मेला क्षेत्र में डटे रहे तो मंदिर आयुक्त संदीप कुमार ने भी मेला स्टाफ का समय-समय पर मार्गदर्शन किया। जेबकतरों पर शिकंजा कसने में भी मेला प्रशासन सफल रहा। भिखारियों, पेयजल अव्यवस्था, ट्रैफिक जाम और ओवरलोडिंग वाहनों के खिलाफ प्रशासन की ढीली मुहिम से बेशक व्यवस्था दाव पर लगती हुई दिखी, लेकिन श्रद्धालुओं के सैलाब के दबाव को प्रशासन झेलने में सफल रहा और बेहतरीन सफाई व्यवस्था भी मेला प्रशासन की कामयाबी को बयान करती हुई नजर आई।