मंदिर न्यास ने ऑनलाइन प्रसाद भेजने की प्रक्रिया शुरू की
संवाद सहयोगी चितपूर्णी धार्मिक स्थल चितपूर्णी में श्रद्धालुओं को ऑनलाइन प्रसाद भेजने की प्रक्रि
संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : धार्मिक स्थल चितपूर्णी में श्रद्धालुओं को ऑनलाइन प्रसाद भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शुक्रवार को चितपूर्णी में पहुंची मंदिर न्यास की सह-आयुक्त व अम्ब की एसडीएम तोरुल एस रवीश ने विधिवत रूप से न्यास की बेवसाइट से ऑनलाइन प्रसाद योजना को लांच किया और इससे संबधित जानकारी के लिए न्यास के यू-ट्यूब चैनल पर डॉक्युमेंट्री भी शेयर की।
रवीश ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण श्रद्धालु चितपूर्णी नहीं पहुंच रहे हैं और सावन मेला भी स्थगित है। मां के सभी भक्तों को ऑनलाइन दर्शन करने की सुविधा मंदिर न्यास के यू-ट्यूब चैनल पर है। वहीं, अब श्रद्धालुओं को ऑनलाइन प्रसाद भेजने की भी व्यवस्था की जाएगी। जो श्रद्धालु माता चितपूर्णी के दरबार से प्रसाद की डिमांड करता है, उसे घर पर ही ऑनलाइन प्रसाद पहुंचाया जाएगा। प्रशासन 101 रुपये से लेकर 11 सौ रुपये तक का प्रसाद श्रद्धालुओं को पोस्ट ऑफिस से भेजने की व्यवस्था करेगा।
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स्थानीय दुकानदारों ने किया निर्णय का विरोध
वहीं, मंदिर प्रशासन द्वारा ऑनलाइन प्रसाद भेजने का विरोध भी शुरू हो गया है। चितपूर्णी व्यापार मंडल के प्रधान वासदेव पाधा, रतन चंद, उमेश शर्मा, अरुण शर्मा, रमेश कालिया निरंजन कालिया, विनोद कुमार व महेश कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन की इस प्रथा से भविष्य में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इससे स्थानीय दुकानदारों का कारोबार समाप्त हो जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार से मांग की कि सरकार व प्रशासन को चितपूर्णी व्यापार मंडल तथा प्रसाद विक्रेताओं से विचार-विमर्श कर इस प्रथा को अमलीजामा पहनाना चाहिए। रमेश कालिया ने कहा कि प्रसाद की दुकानों पर सैकड़ों कर्मचारियों की रोजी रोटी भी संकट में पड़ जाएगी।
वहीं, एसडीएम तोरूल एस रवीश ने बताया कि दुकानदारों की मांग को भी उच्च प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा।