पांव के छालों से भरी सुरों की उड़ान
अकसर लोग कहते हैं कि वो रातोरात स्टार बन गया लेकिन उसके सफल बनने के पीछे कितनी रातें और कितनी मेहनत लगती है, इसे शायद कोई नहीं समझ पाता है।
संवाद सहयोगी, गगरेट : अकसर लोग कहते हैं कि वो रातोरात स्टार बन गया लेकिन उसके सफल बनने के पीछे कितनी रातें और कितनी मेहनत लगती है, इसे शायद कोई नहीं समझ पाता है। कुछ ऐसी ही मेहनत मुबारिकपुर के नितिन कुमार ने अपने संघर्ष के दिनों में की है। उसके सुरों का डंका आज न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी बज रहा है।
इन दिनों नितिन प्रसिद्ध कार्यक्रम इंडियन आइडल में टॉप टेन की पोजिशन पर है। उसने इस कार्यक्रम में अब तक पांच कार्यक्रम में दो बार परफॉर्मर ऑफ दी वीक व तीन बार मौसम बदलो का खिताब हांसिल किया है। इस बार यदि वो¨टग का सहारा भी मिल गया यो हिमाचल को एक युवा गायक के रूप में नितिन मिल जाएगा। ऐसे में आम लोगों के सहयोग की उसे आवश्यकता है।
----------------------
रियाज करने नंगल भाखड़ा जाता था नितिन
नितिन के पिता एक सरकारी कर्मचारी हैं। गीत-संगीत का शौक होने पर नितिन को रियाज के लिए सही मार्गदर्शन समय नहीं मिल पाता था। जबकि मुबारिकपुर से नंगल भाखड़ा रोज संगीत सीखने अपने गुरु परम हंस आहूजा के पास जाता था। अकसर वापस आते समय घर आने वाली बस छूट जाती थी। सर्दियों की सर्द रातों में नितिन संगीत का रियाज करके अपने घर पैदल आता था। आज उसकी यही मेहनत रंग ला रही है।
-----------------------
जनता के सहयोग से मिलेगी मंजिल
उसके परिजनों का कहना है नितिन की कामयाबी की उन्हें पूरी उम्मीद है, क्योंकि उसने यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। भगवान का आशीर्वाद और लोगों का सहयोग उसे मुकाम तक पहुंचाएगा।
-----------------------
लिटिल चैंप में भी दिखाई थी प्रतिभा
नितिन इससे पहले जीटीवी के लिटिल चैंप कार्यक्रम में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुका है। ऐसे शो में प्रतिभागी को वो¨टग के आधार पर विजेता घोषित किया जाता है पर हिमाचल की आबादी कम होने की वजह से नितिन को कम वोट मिले थे। जिस वजह से नितिन उस कार्यक्रम में टॉप थ्री में तो आ गया लेकिन नंबर एक पर नहीं आ सका था।
-----------------
कैसे करें वो¨टग
इंडियन आइडल में नितिन को वो¨टग करने के लिए गूगल प्ले स्टोर से सोनी लिव नाम का एक एप डाउनलोड करना होगा। फिर उस एप के जरिये एक बार में 50 वोट कर सकते हैं।