ऊना में अब तक 779 लोग किए क्वारंटाइन
ऊना में 779 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। इन्हें हरोली ऊना व गगरेट में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों में रखा गया है।
जागरण संवाददाता, ऊना : ऊना में 779 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। इन्हें हरोली, ऊना व गगरेट में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों में रखा गया है। इनमें से 148 व्यक्ति ऊना के निवासी हैं, जबकि कांगड़ा के 414, हमीरपुर के 126, बिलासपुर के 22, मंडी के 12, चंबा के 12, उत्तर प्रदेश के 36, पंजाब के छह, जम्मू कश्मीर का एक व दिल्ली के दो निवासी शामिल हैं। इनके रहने व खाने का इंतजाम किया गया है और इनकी लगातार निगरानी भी की जा रही है।
उपायुक्त संदीप कुमार ने बताया जिला में निजी अस्पतालों व लैब पर कोई प्रतिबंध नहीं है। वे अपना काम सुचारू रूप से कर सकते हैं। अपने कर्मचारियों को निजी अस्पताल व लैब संचालक पहचान पत्र जारी करेंगे और पहचान पत्र दिखाने पर पुलिस उन्हें नहीं रोकेगी।
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खेतों में काम करने वालों पर रोक नहीं
संदीप कुमार ने स्पष्ट किया कि कुछ ही दिन में गेहूं व आलू की फसल तैयार होने वाली है। ऐसे में किसानों को अपनी फसल की कटाई पर कोई रोक नहीं लेकिन किसानों को शारीरिक दूरी का ध्यान रखना होगा।
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बैंक सुबह आठ से इस बजे तक खुले रहेंगे
डीसी ने कहा कि आम लोगों की सुविधा के लिए बैंक सुबह आठ से दस बजे तक दो घंटे के लिए खुले रहेंगे।
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तीन ढाबे खोलने को इजाजत
उपायुक्त संदीप कुमार ने कहा कि ऊना-अम्ब रोड पर एचआरटीसी द्वारा पंजीकृत तीन ढाबे खोलने को इजाजत दी गई है। पुलिस कैंटीन झलेड़ा के साथ-साथ गौतम ढाबा अम्ब व राधिका ढाबा बड़ूही खुले रह सकते हैं। आवश्यक सामान की ढुलाई में ट्रक चालकों व एंबुलेंस के ड्राइवरों को इन ढाबों पर खाने की सुविधा मिल सकेगी। ऐसे ढाबों व अन्य संस्थानों में खाना बनाने व परोसने वालों को अधिक सावधानी बरतनी होगी। उन्हें न सिर्फ मास्क व दस्तानों का इस्तेमाल करना होगा बल्कि सिर को अच्छी तरह से ढकने का भी बंदोबस्त करना होगा।
----------------------------- गाजियाबाद से लौटा मौलवी होम क्वारंटाइन
जिला मुख्यालय के समीपवर्ती बसाल गांव से करीब चार महीने तक धार्मिक गतिविधियों में हिस्सा लेकर लौटे एक मौलवी को स्वास्थ्य विभाग ने गांव में बनी मस्जिद में होम क्वारंटाइन किया है। यह मौलवी पांच नवंबर को धार्मिक गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए घर से रवाना हुआ था। इस दौरान वह नालागढ़ पहुंचा था और नौ दिसंबर को नालागढ़ से गाजियाबाद के लिए रवाना हुआ था। वह गाजियाबाद क्षेत्र में विभिन्न मस्जिदों में भी रहा। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस मौलवी की पूरी ट्रैवलिंग हिस्ट्री हासिल की है। बताया जा रहा है कि यह मौलवी 25 फरवरी को गाजियाबाद से वापस नालागढ़ पहुंच गया था। 31 मार्च को ही नालागढ़ से पैदल घर के लिए रवाना हुआ था। घर पहुंचने के बाद ही उसके बारे में जानकारी मिली थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम व प्रशासन इस बात की भी जानकारी जुटा रहा है कि गाजियाबाद में मौलवी कहीं किसी कोरोना पॉजीटिव के संपर्क में तो नहीं आया था।