मैड़ी मेला आज से, पंजाब ने नहीं सुधारी सड़कें
डेरा बाबा बड़भाग सिंह मैड़ी मेला मंगलवार से शुरू हो रहा है।
राजेश शर्मा, ऊना
डेरा बाबा बड़भाग सिंह मैड़ी मेला मंगलवार से शुरू हो रहा है। करीब दस दिन यहां कई राज्यों के लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। इन श्रद्धालुओं को सुरक्षित सफर की गारंटी के लिए बाकायदा हिमाचल और पंजाब के के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में रणनीति बनाई गई थी। प्रमुख मुद्दा मार्गो पर पड़े ब्लैक स्पॉट सुधारने का था। दोनों राज्यों के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने स्वयं इन सड़कों का जायजा लेकर अपने-अपने क्षेत्र में उनके सुधार का निर्णय लिया था। हिमाचल क्षेत्र में तो सुधार दिखा लेकिन पंजाब क्षेत्र की ऊना को जोड़ने वाली सड़कों पर ब्लैक स्पॉट पहले से भी खतरनाक हो गए हैं।
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क्या दो राज्यों की संयुक्त बैठक महज औपचारिकता?
दैनिक जागरण की ओर से सोमवार को मैड़ी मेले को लेकर दो राज्यों के अधिकारियों की जो रणनीति और सहमति बनी थी, उस पर वे कितने ठीक उतरे हैं, इसकी पड़ताल की गई। करीब 15 रोज पहले दोनों राज्यों की संयुक्त टीम ने सड़कों के ब्लैक स्पॉट को दूर करने को लेकर जो सहमति बनाई थी उसमें हिमाचल की ओर से ऊना प्रशासन ठीक उतरा लेकिन पंजाब के होशियारपुर प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है। मेले के शुरू होने तक पंजाब क्षेत्र की सड़कों के एक भी ब्लैक स्पाट को नहीं सुधारा जा सका है।
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संयुक्त टीमों की बैठकों क्या हुई थी सहमति
मैड़ी मेले में अधिकांश श्रद्धालु पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों से ऊना जिले में पहुंचते हैं। इसके अलावा दिल्ली और हरियाणा के अलावा जम्मू और कश्मीर के भी लोग पहुंचते हैं। इन श्रद्धालुओं का सफर सुरक्षित रहे, इसके लिए दोनों राज्यों के सीमावर्ती जिलों के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त बैठकें हुई थीं। इनमें यह भी सहमति बनी थी कि पंजाब की ऊना जिले से जुड़ने वाली सड़कों पर ब्लैक स्पॉट दूर किए जाने के लिए दोनों राज्यों की ओर से काम किया जाएगा। इसके अलावा पंजाब से मालवाहकों में सफर करने वालों को पंजाब के क्षेत्र में ही रोक लिया जाएगा। फिलहाल पहली ही परीक्षा में पंजाब के संबंधित जिलों का प्रशासन असफल रहा है।
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पचास किलोमीटर सड़क पर सौ ब्लैक स्पॉट
जिला ऊना से पंजाब क्षेत्र से जुड़ने वाली प्रमुख तीन सड़कों पर करीब पचास किलोमीटर सड़कों पर सौ से अधिक ऐसे ब्लैक स्पॉट हैं जो जानलेवा साबित हो सकते हैं। होशियारपुर से ऊना आने वाले रास्ते में चक्क साधू स्टेशन से बनखंडी तक पंजाब के क्षेत्र में 32 स्थानों पर ऐसे ब्लैक स्पॉट हैं, जहां कभी भी हादसा हो सकता है। नवांशहर से बाथड़ी तक पंजाब क्षेत्र के करीब 18 स्थानों पर ब्लैक स्पॉट वैसे के वैसे बने हुए हैं। होशियारपुर से गगरेट के मार्ग पर भी 34 स्थानों पर ब्लैक स्पॉट हैं। इन प्रमुख मार्गो पर अगर सभी ब्लैक स्पॉट की गिनती की जाए तो सौ से अधिक हैं।
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ऊना प्रशासन ने किए अच्छे प्रयास
मैड़ी शुरू होने पर ऊना से पंजाब को जोड़ने पर प्रमुख मार्गो पर यातायात में दो से तीन गुना बढ़ोतरी होती है। ऐसे में मेलों को दौरान यहां आने वाले आम यात्रियों व श्रद्धालुओं को समस्या न हो, इसके लिए मेलों से पूर्व ही पचास के करीब ब्लैक स्पॉट को सुधारा गया है। इनमें मिट्टी के ढेर लगाए गए हैं और जहां खतरा है वहां बाकायदा सूचनाएं अंकित की गई हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए अम्ब से डेरा बाबा बड़भाग सिंह तक के रास्ते पर भी यातायात को व्यवस्थित बनाए जाने के लिए रूट प्लान तैयार किया गया है।
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इस संबंध में पड़ोसी राज्य के संबंधित जिलों के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से सहयोग की अपील की गई थी। बाकायदा बैठक में इस संबंध में इन पड़ोसी जिलों के प्रशासन की ओर से भेजे गए प्रतिनिधियों को कहा गया था। पंजाब की सड़कों पर ब्लैक स्पॉट दूर नहीं हुए हैं इसे लेकर संबंधित जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना भेजी जाएगी।
संदीप कुमार, उपायुक्त ऊना।