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विधायक के गांव में प्रदर्शन, सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम

गगरेट के विधायक राजेश ठाकुर के पैतृक गांव दियोली में रविवार सुबह सहकारी सभा के खाताधारकों ने सरकार की खिलाफ हल्ला बोल दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 04:18 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 04:18 PM (IST)
विधायक के गांव में प्रदर्शन, सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम
विधायक के गांव में प्रदर्शन, सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम

संवाद सहयोगी, गगरेट : गगरेट के विधायक राजेश ठाकुर के पैतृक गांव दियोली में रविवार सुबह सहकारी सभा के खाताधारकों ने सरकार की खिलाफ हल्ला बोल दिया। अपने पैसों की मांग को लेकर लगभग एक साल से गुहार लगा रहे हैं। खाताधारकों ने कहा कि कि कोई भी सरकारी एजेंसी उनकी फरियाद नहीं सुन रही है। खाताधारकों ने स्थानीय विधायक से लेकर प्रधानमंत्री तक को इस विषय में पत्र लिखा है लेकिन मामले में जांच आगे बढ़ ही नहीं रही है।

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सभा के सदस्यों ने वर्ष 2018 में मामला सहकारी सभा विभाग ऊना के समक्ष उठाया था। उसके बाद विभागीय जांच हुई। विभाग द्वारा सभा सचिव के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाकर पुलिस को कार्रवाई के लिए कहा गया था लेकिन पुलिस द्वारा इस जांच को छह महीने से लटका कर रखा गया। सभा सदस्यों ने जनमंच में भी यह मामला उठाया और विजिलेंस से जांच की मांग की जिसे मौके पर मान लिया गया लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब खाताधारकों ने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। यदि जांच नहीं हुई तो खाताधारक उग्र प्रदर्शन करेंगे।

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यह मामला

नवंबर, 2019 में दियोली सहकारी सभा के चुनाव हुए और कमेटी ने कार्यभार संभाला। सभा की साधारण बैठक में सभा का एक सदस्य ऋण लेने के लिए आया लेकिन सभा सचिव ने उसे यह कहकर मना कर दिया कि सभा के पास पैसे नहीं हैं। उसके बाद सभा की कमेटी द्वारा पूरे मामले की शिकायत सहकारी विभाग को की जिसमें पाया कि सभा 2016 में आठ करोड़ 36 लाख की थी और अचानक से अगले वर्ष 14 करोड़ 27 लाख हो गई। यह वही वर्ष था जिस वर्ष नोटबंदी भी हुई। 31 अगस्त, 2019 को जब सभा का ऑडिट विभाग ने किया तो पाया कि सभा 17 करोड़ सात लाख की है जिसमें मात्र दो करोड़ रुपये ऋण है और बाकी पैसा कहां है, किसी को नहीं मालूम। सहकारिता विभाग ने 11 करोड़ 70 लाख के गबन का आरोपित सभा सचिव को माना। मामले की एफआइआर 17 सितंबर, 2019 को कर दी। उसके बाद से लगातार अलग अलग जगह शिकायतें सभा सदस्यों द्वारा की गई जिसका कोई भी हल नहीं हुआ।

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सभा द्वारा सरकार को बार-बार लिखा गया। मामला जनमंच में भी उठाया लेकिन सभा सचिव के खिलाफ कोई कारवाई नहीं हुई।

-सुरेंद्र सिंह,प्रधान सभा दियोली।

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कमेटी री ऑडिट क्यों नहीं करवा रही। जबकि सभी अधिकार उसके पास हैं। यदि मैं दोषी निकला तो लोगों का एक-एक पैसा दूंगा। सभा प्रधान जानबूझकर लोगों के पैसे नहीं दे रहा।

-जितेंद्र कुमार, सभा सचिव।

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इस बार मामला विधानसभा में उठाया जाएगा ताकि इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई हो। खाताधारकों के पैसे उन्हें मिले ।

-राजेश ठाकुर, विधायक गगरेट।

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सरकार को चाहिए जब तक जांच चल रही है, खाताधारकों को उनके पैसे लौटने के लिए अलग से रिलीफ फंड जारी करे ताकि आम लोग प्रभावित न हों।

-राकेश कालिया ,पूर्व विधायक गगरेट।


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