साहब, मौत का मुंह हैं ये खुले पड़े चैंबर
जिला के दौलतपुर अस्पताल में सैप्टिक टैंक में गिरने से नन्ही बची की मौत पर व्यवस्था के घड़ियाली आंसू और दर्द दिखावे से कम नहीं है।
सुरेश बसन, ऊना
जिला के दौलतपुर अस्पताल में सैप्टिक टैंक में गिरने से नन्ही बच्ची की मौत पर व्यवस्था के घड़ियाली आंसू और दर्द दिखावे से कम नहीं है। जिस बालिका दिवस पर हम बेटियों को बचाने की दुहाई दे रहे हैं, उसी दिन एक नन्ही परी की जान प्रशासनिक अनदेखी के कारण चली गई। इस दुखद घटना के बाद अब जिलाभर में भी इस प्रकार की अव्यवस्था को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। जिसे लेकर दैनिक जागरण द्वारा इसी प्रकार के मौत का मुंह बने चैंबर पर मौका-ए-मुआयना किया गया। इस दौरान लगभग हर दूसरे व तीसरे कार्यालय में हालात जुगाड़ तंत्र की दुहाई दे रहे थे। इस जुगाड़ के हटते ही जहां कोई मौत का शिकार हो सकता है, तो किसी का चोटिल होना तो आम ही दिखा।
कहीं सीवरेज चैंबर व कूड़ा कर्कट के लिए खुदाई किए गए होल तो कहीं गंदे पानी के गहरे गड्ढे कुल मिलाकर यह सब मौत का द्वार ही नजर आ रहे हैं। जिस पर अभी तक विभागीय अधिकारी व कर्मी चुप्पी साधे बैठे हैं। यह नहीं है कि विभिन्न स्थानों पर ये खुले होल सार्वजनिक क्षेत्र के दायरे में नहीं आते या यहां से लोगों का आना-जाना नहीं होता है, बस गनीमत अभी तक तो यह है कि यहां कोई घटना का शिकार नहीं हुआ है। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है ये सभी होल भी दौलतपुर चौक अस्पताल जैसे हालातों की तरह दर्दनाक वजह जरूर बन सकते हैं।
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पहला होल
लोक निर्माण विभाग के एक्सएईन कार्यालय के परिसर के पास गंदे पानी का चैंबर जुगाड़ के सहारे ढका गया है। कार्यदिवसों में जहां सैकड़ों लोगों का आवागमन होता है। जुगाड़ के सहारे ढका यह होल किसी भी समय किसी हादसे को अंजाम दे सकता है। बड़ी बात यह है कि यह उस विभाग के कार्यालय परिसर के पास है जहां पर अन्य विभागों के भवनों का निर्माण किया जाता है। लेकिन चंद सीमेंट की मात्रा इस होल को सही करने के लिए स्वयं विभाग के पास ही नहीं है।
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दूसरा होल
आबकारी एवं कराधान विभाग के पास भी जुगाड़ तंत्र के सहारे चैंबर को ढका गया है। हालांकि इस पर टूटी सीमेंट की स्लैब डाली गई है लेकिन किनारे से इसका खाली होना कई सवालों को पैदा कर रहा है। किसी प्रकार की जहां दौलतपुर चौक जैसी घटना हो इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
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तीसरा होल
जिला आयुर्वेदिक अस्पताल ऊना में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। जहां पर एक चैंबर को गत्तेनुमा जुगाड़ से नाम मात्र ढका गया है। इस अस्पताल में प्रतिदिन बच्चों सहित बड़े बुजुर्ग भी इलाज के लिए पहुंचते हैं। गनीमत है कि अभी तक जहां कोई ऐसा हादसा सामने नहीं आया है। लेकिन भविष्य में सीधे तौर पर यह हादसों को न्योता भी जरूर है।
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चौथा होल
26 जनवरी को बाल स्कूल के मैदान में जिलास्तरीय गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है लेकिन इसके पास नगर परिषद की ओर निकलने वाले रास्ते के पास एक सीवरेज चैंबर खुला छोड़ा गया है। इसके पास स्कूल शौचालय भी बनाए गए हैं। जहां पर कई बच्चों का आवागमन भी होता है। खेलते हुए या किसी अन्य कार्य के लिए अगर कोई बच्चा इधर से गुजरता है तो यह होल किसी घटना को अंजाम दे सकता है।
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पांचवां, छठा व सातवां होल
बात चाहे खुले सैप्टिक होल की हो या अन्य चैंबर्स की, शायद जिला के अस्पताल एवं स्वास्थ्य संस्थान इस अव्यवस्था में नंबर वन ही आएंगे। दौलतपुर चौक का अस्पताल इस बात की गवाही गंभीर हालातों में दे चुका है। अब बात करें तो क्षेत्रीय अस्पताल ऊना भी इसमें पीछे नहीं है। अस्पताल के खुले परिसर के पास ऐसे तीन होल हैं जहां पर लोगों का आवागमन तो कम हैं लेकिन कायदे से ढके जाने वाले ये होल अनदेखी का शिकार हैं और खुले हैं। कुछ को जुगाड़ तंत्र के सहारे चलाया गया है। बायो वेस्ट प्लांट के पीछे की ओर एक कुआं तो ऐसा है जिसमें गिरने से किसी की जान जा सकती है। हालांकि इसे काफी समय पूर्व कूड़ा कर्कट या अन्य सामान फेंकने के लिए निकाला गया था। लेकिन वर्तमान में यह अनदेखी के चलते खुला ही छोड़ दिया गया है। इसके अलावा टीबी नियंत्रण ब्रांच के पास रास्ते पर ही परिसर में एक गड्ढे को गत्तेनुमा लकड़ियों के सहारे ढका गया है हालांकि यह छोटा चैंबर है लेकिन किसी को चोटिल जरूर कर सकता है।
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आठवां होल
क्षेत्रीय अस्पताल ऊना की टीबी ब्रांच से पिछली ओर रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाली गली में एक पेड़ के पास होदीनुमा गहरा गड्ढा भी किसी के लिए आफत साबित हो सकता है। इस मार्ग पर बच्चों सहित कई लोग आवागमन करते हैं। बड़ी बात यह है यह काफी गहरा है ओर बरसात के दिनों में या इसमें पानी भरने से यह बच्चों के लिए आफत बन सकता है।
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कई गलियों एवं रास्ते पर भी ऐसे गड्ढे
ऊना शहर में ऐसी कई गलियां व रास्ते हैं जहां पर ऐसे होल्स हैं जो अनदेखी के चलते जहां से प्रतिदिन गुजरने वाले लोगों के लिए आफत बन सकते हैं। इसमें कोई सीवरेज तो कोई गंदे पानी के लिए बनाए गए चैंबर्स भी शामिल है।