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बिना शुल्क दिए पंजाब जा रहा ऊना का दूध

पंजाब में दूध पर आधारित उत्पाद तैयार करने वाली कंपनियों को अनाधिकृत रूप से दूध की सप्लाई करने वाली दुग्ध सहकारी सभाओं पर शिकंजा कसा जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 08:43 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 06:15 AM (IST)
बिना शुल्क दिए पंजाब जा रहा ऊना का दूध
बिना शुल्क दिए पंजाब जा रहा ऊना का दूध

जागरण संवाददाता, ऊना : पंजाब में दूध पर आधारित उत्पाद तैयार करने वाली कंपनियों को अनाधिकृत रूप से दूध की सप्लाई करने वाली दुग्ध सहकारी सभाओं पर शिकंजा कसा जा रहा है। कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) ने इस मसले पर कड़ा संज्ञान लिया है। समिति को मिली रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जिले से रोजाना हजारों लीटर दूध बाहरी राज्यों में इस पर आधारित लगे प्लांटों को सप्लाई किया जा रहा है। इसमें स्थानीय स्तर पर कई दुग्ध सहकारी सभाएं उन प्लांटों के लिए एजेंसियां का रोल अदा कर रही हैं। पंजाब की कुछ कंपनियों को एपीएमसी ने नोटिस जारी कर दिया है।

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यह है नियम

दूध का उत्पादन भी कृषि उपज में लिया जाता है। इसमें नियमों के अनुसार राज्य से बाहर अथवा इसकी बिक्री पर एक प्रतिशत फीस एपीएमसी को दी जानी चाहिए। दशकों से ऐसी कई दुग्ध सहकारी सभाएं व सभाएं यह दूध राज्य से बाहर सप्लाई कर रही हैं। पंजाब से जुड़ी दुग्ध कंपनियां तो नियमों की अवहेलना कर ही रही हैं और उनकी एजेंसियों के तौर पर काम कर रही स्थानीय सभाएं भी इसका कोई ब्योरा एपीएमसी को नहीं दे रही थीं।

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यह होगी कार्रवाई

अगर कंपनियां फीस नहीं चुकाती हैं तो उनकी गाड़ियां एपीएमसी द्वारा जब्त की जाएंगी। जिला के दूध उत्पादकों को एपीएमसी किसी भी तरह की नुकसान नहीं होने देगी, लेकिन साथ ही समिति को मिलने वाली फीस की चोरी को भी रोका जाएगा। दूध की खरीद करके उसे मिल्कफेड को उपलब्ध कराया जाएगा। इस समय जिले में पचास हजार लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है जबकि पंद्रह हजार लीटर दूध पंजाब व बाहरी राज्यों को भेजा जा रहा है।

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मिल्कफेड पर भी सवाल

लालसिगी में मिल्कफेड के दुग्ध संयंत्र को लेकर भी मार्केट फीस का मामला उठाया गया है। मिल्कफेड ऊना के प्लांट में इस्तेमाल होने वाले दूध पर फीस अदा कर रहा है लेकिन धर्मशाला सप्लाई होने वाले दूध के ऊपर मिल्कफेड शुल्क नहीं दे रहा है। एपीएमसी ने साफ कहा है कि जो दूध धर्मशाला सप्लाई हो रहा है उस पर भी उनका शुल्क बनता है। दूध की किसानों से खरीद पर ही यह शुल्क तय हो जाता है।

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पंजाब की कंपनियां जिला ऊना से प्रतिदिन लगभग 15 हजार लीटर दूध की खरीद करती हैं लेकिन कंपनी इसकी फीस मार्केटिग समिति को नहीं देती हैं। ऐसी कंपनियों को और उनकी यहां एजेंसियों को नोटिस भेजा गया है।

बलबीर सिंह बग्गा, एपीएमसी ऊना के अध्यक्ष।


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