सड़क किनारे बंदरों को डाल रहे खाद्य सामग्री
चितपूर्णी-मुबारिकपुर रोड़ पर बंदर लोगों करी परेशानी का सबब बन गए हैं। हर वक्त इन बंदरों के झुंड आम जनता का रास्ता रोक लेते हैं। वन विभाग द्वारा सिद्ध चलेहड़ के पास बंदरों के लिए फीडिग प्वाइंट भी निधररित कर दिया गया है लेकिन लोग फिर भी अपनी मर्जी से बंदरों को किसी भी स्थान पर खाद्य पदार्थ डाल रहे हैं। स्थानीय वासियों राकेश कुमार अमित दलजीत मोनिका रोशन लाल दिलबाग सिंह और बख्शी राम ने कहा कि बंदरों को सड़क के किनारे खाद्य पदार्थ
संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : चितपूर्णी मुबारिकपुर रोड पर बंदर लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। सड़क पर हर वक्त बंदरों के झुंड नजर आने लगे हैं। यह स्थिति बंदरों को खाद्य सामग्री डालने से उत्पन्न हो रही है। हालांकि वन विभाग ने सिद्ध चलेहड़ के पास बंदरों के लिए फीडिग प्वाइंट भी निर्धारित की है लेकिन लोग फिर भी अपनी मर्जी से बंदरों को किसी भी स्थान पर खाद्य पदार्थ डाल रहे हैं।
स्थानीय निवासी राकेश कुमार, अमित, दलजीत, मोनिका, रोशन लाल, दिलबाग सिंह और बख्शी राम ने कहा कि बंदरों को सड़क किनारे खाद्य पदार्थ न डालने के सरकारी आदेश इस क्षेत्र में अब मजाक बनकर रह गए हैं। सड़कों के किनारे व सार्वजनिक स्थानों पर बंदरों को खाद्य पदार्थ डालने वालों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए कानून का पालन कतई भी होता दिख नहीं रहा है। फलस्वरूप सड़कों के किनारे बंदरों की संख्या में वृद्धि हो रही है। भोजन की आस में इस मुख्य मार्ग के किनारे बैठे रहने बंदर यातायात बाधित करके मानव जीवन को भी खतरा उत्पन्न कर रही है। बंदर किसानों की फसल को भी चट कर रहे हैं। इन इनको खाद्य पदार्थ डालने के पीछे लोगों की धार्मिक भावनाएं भी जुड़ी हुई होती हैं। कुछ लोग अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए इनको गुड़, चने व ब्रेड डालते हैं लेकिन इसी के चलते ये अब परेशानी का सबब बनने लगे हैं। आलम यह है कि बंदर राहगीरों को भी परेशान करने लगे हैं और इनकी वजह से भी स्कूली बच्चों को हमेशा खतरा बरकरार रहता है। इस समस्या के समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए। वहीं, वन विभाग के रेंज अधिकारी प्यार सिंह ने बताया कि बंदरों को खाद्य सामग्री डालने के लिए विभाग ने सिद्ध चलेहड़ में स्थान चिह्नित किया है। फिर भी विभाग बंदरों का खाद्य सामग्री डालने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा।