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32 पुलिस कर्मचारियों पर 47 पंचायतों की सुरक्षा का जिम्मा

पुलिस थाना में स्टाफ की कमी के कारण यहां कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इनके लिए क्षेत्र की कानून व्यवस्था को बनाए रखना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। थाने के 47 पदों में से 14 पद खाली हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 06:48 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 06:48 PM (IST)
32 पुलिस कर्मचारियों पर 47 पंचायतों की सुरक्षा का जिम्मा
32 पुलिस कर्मचारियों पर 47 पंचायतों की सुरक्षा का जिम्मा

अजय टबयाल, अम्ब

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पुलिस थाना में स्टाफ की कमी के कारण यहां कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इनके लिए क्षेत्र की कानून व्यवस्था को बनाए रखना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। थाने के 47 पदों में से 14 पद खाली हैं। ऐसे में मात्र 32 लोगों का स्टाफ ही पूरे थाना के अधीन आने वाले क्षेत्र की जिम्मेदारी संभाल रहा है। थाना में स्थिति उस समय परेशानी भरी हो जाती है, जब मौजूदा स्टाफ में से तीन या चार पुलिस कर्मियों को एविडेंस ड्यूटी, एक्यूस्ड ड्यूटी या फिर छुट्टी पर जाना पड़ जाए।

पुलिस थाना अम्ब की सीमा में 47 पंचायतें आती हैं जिन्हें 49 बीट में बांटा गया हैं। थाना अम्ब क्षेत्र में आने वाली इन 47 पंचायतों की आबादी 50 हजार से अधिक है। इतनी बड़ी आबादी वाले क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। खाली पड़े पदों को भरने की मांग लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से की जाती रही है, लेकिन इस ओर अभी तक कोई पहल नहीं की गई है। ऐसे में स्टाफ की कमी का असर क्षेत्र की कानून व्यवस्था पर भी पड़ रहा है।

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थाना क्षेत्र की सीमा में आती हैं 47 पंचायतें

पुलिस थाना अम्ब के अधीन आने वाला क्षेत्र भौगोलिक दृष्टि से काफी लंबा चौड़ा है। थाने की सीमा धुसाड़ा पुल से शुरू होकर गोंदपुर बनेहड़ा गांव की सीमा पर खत्म होती है। वहीं बणे-दी-हट्टी पुल से शुरू दूसरी तरफ सिकरां दा परोह कांगड़ा जिला की सीमा तक है। थाना अम्ब क्षेत्र में 47 पंचायतें आती हैं। इसमें चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र की 38 पंचायतों के साथ गगरेट विधानसभा क्षेत्र की नौ पंचायतें शामिल हैं जिनकी सुरक्षा व्यवस्था पुलिस थाना अम्ब के अधीन है। जहां स्टाफ की कमी के कारण सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने में कई बार परेशानी खड़ी हो जाती है। ऐसे में थाना के अधीन आने वाले दूरदराज गावों में एक ही समय में एक या दो से अधिक कोई आपराधिक घटनाएं हो जाती हैं तो इस स्थिती में थाना में स्टाफ की कमी बहुत खलती है। बात की जाए तो थाना अम्ब के अधीन डेरा बाबा बड़भाग ¨सह मैड़ी सहित कई स्थान ऐसे हैं जहा पर किसी भी समय पुलिस कर्मियों की जरूरत पड़ सकती है। इस स्थिति में क्षेत्र में कानून व्यवस्था, यातयात व्यवस्था और आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ थाने में आने वाले फरियादियों की शिकायतों का समय पर निपटारा करना भी मौजूदा स्टाफ के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। थाना के स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए कई बार पुलिस कर्मियों को डबल ड्यूटी भी करनी पड़ती है।

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यह है थाना अम्ब के स्टाफ की स्थिति

पुलिस थाना अम्ब में एक इंस्पेक्टर सहित कुल 47 पुलिसकर्मियों का स्टाफ स्वीकृत है। वर्तमान में यहां जितने पुलिस कर्मियों की जरूरत है, उनमें से कई पद खाली पड़े हैं। थाने में सब इंस्पेक्टर के दो पद हैं, जिसमें एक पद खाली हैं। एएसआइ के पांच पद हैं जिसमें से एक पद खाली है। हेड कांस्टेबल के 11 पद हैं जिनमें से चार पद खाली हैं। कांस्टेबल के 28 पद हैं जिनमें से आठ पद खाली चल रहे हैं। इस तरह थाने के 47 स्वीकृत पदों में से 14 पद आज भी खाली पड़े हैं। ऐसे में मात्र 32 पुलिस कर्मी 47 पंचायतों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं।


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