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अच्छी सोच व विचार ही सबसे बड़ा धन

स्वामी राजशेवरानंद सरस्वतीधन नहीं है अच्छी सोच अच्छे विचार तथा अच्छे संस्कार ही बड़ा धन है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 05:36 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 05:36 PM (IST)
अच्छी सोच व विचार ही सबसे बड़ा धन
अच्छी सोच व विचार ही सबसे बड़ा धन

संवाद सहयोगी, मैहतपुर : रायपुर सहोड़ा में चल रहे भागवत ज्ञान यज्ञ के छठे दिन शुक्रवार को स्वामी राजेश्वरानंद सरस्वती ने मौजूद श्रोताओं को प्रभु भक्ति एवं संसार की मोह माया से अवगत कराया। गांव सहित आसपास के कई श्रद्धालुओं ने बढ़चढ़ कर कथा में प्रवचनों का रसपान किया। राजेश्वरानंद महाराज ने कहा कि मनुष्य को भाव ही इंसान बनाता है। भाव ही शैतान बनाता है। सुख आता है तो भगवान को भूल जाते हैं, धन ही सब कुछ नहीं है। अच्छी सोच, अच्छे विचार अच्छे संस्कार ही सबसे बड़ा धन है। जब मनुष्य को जीवन को दुख को तोड़ देते हैं, तो भगवान की याद आने लगती है। दुख के समय संयम रखना चाहिए। एक लाख मंत्रों में 80000 कर्मकांड के मंत्र हैं। केवल एक मंत्र के निरंतर जप करने से मनुष्य भवसागर से तर जाएगा। श्री कृष्ण ने गीता में बहुत सुंदर उपदेश दिया है कि मनुष्य का कर्म करने में ही अधिकार हो, फल में नहीं। उसका नाम लेते रहो जो सौंपा गया है उसको कहते रहो। यही जीवन का सार है।

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