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Coronavirus: सैनिटाइजर के नाम पर मची है खुली लूट, वसूले जा रहे हैं मनमाने दाम

Coronavirus कोरोना वायरस के चलते हर जगह सैनिटाइजर के मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं जबकि इसका उत्‍पादन पहले की अपेक्षा तीन गुना किया जा रहा है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 20 Mar 2020 07:48 AM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 07:48 AM (IST)
Coronavirus: सैनिटाइजर के नाम पर मची है खुली लूट, वसूले जा रहे हैं मनमाने दाम
Coronavirus: सैनिटाइजर के नाम पर मची है खुली लूट, वसूले जा रहे हैं मनमाने दाम

ऊना, राजेश शर्मा। पूरा विश्व इन दिनों कोरोना संकट से जूझ रहा है। हर व्यक्ति दहशत में है। लोगों को बीमारी से दूर रखने के लिए हर तरफ प्रयास किए जा रहे हैं। सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध करवाने के लिए सरकार के साथ कुछ लोग प्रयासरत हैं लेकिन कुछ उद्योगपतियों ने इसे भी भारी-भरकम मुनाफे का जरिया बना लिया है। जो सैनिटाइजर 25 रुपये में तैयार होता है, उस पर मूल्य डेढ़ से दो सौ रुपये अंकित कर लोगों से खुली लूट की जा रही है। हालत यह है कि इन पर किसी तरह की नजर भी नहीं रखी जा रही।

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हिमाचल प्रदेश में सैनिटाइजर बनाने वाली कंपनियों ने बीते दो दिन में अचानक उत्पादन तीन गुना कर दिया है। एक शिफ्ट में चलने वाली कंपनियां बिना जरूरी स्टाफ और विशेषज्ञ बढ़ाए तीन शिफ्टों में दिन रात सैनिटाइजर बनाने लगी हैं। मांग बढ़ने व प्रदेश सरकार द्वारा सैनिटाइजर को जरूरी वस्तुओं की श्रेणी में घोषित करने के बाद से लूट का यह खेल शुरू हुआ। कंपनियों ने लाखों की संख्या में यूनिट तैयार कर दिए हैं। दैनिक जागरण के हाथ लगी रिपोर्ट में पता चला है कि कंपनियों ने उत्पादन बढ़ाने के साथ मनमाने दाम अंकित किए हैं। कंपनी की ओर से जारी किए गए ई-वे बिल पर एक यूनिट की कीमत 25 रुपये थोक में दिखाई है, अधिकतम मूल्य डेढ़ सौ से दो सौ रुपये अंकित किया है।

देशभर में सैनिटाइजर की सप्लाई

ऊना समेत हिमाचल में सैनिटाइजर बनाने वाली कंपनियों से देशभर में सप्लाई की जा रही है। अकेले ऊना में करीब 12 कंपनियां सैनिटाइजर बनाने लगी हैं। प्रदेशभर में करीब दो दर्जन से अधिक अन्य कंपनियों में इसे तैयार किया जा रहा है। इन कंपनियों को सरकार की ओर से दो दिन के अंदर कैसे अनुमति मिल गई, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पता चला है कि कंपनियों के प्रतिनिधिमंडल ने दो दिन पहले ही सरकार से उत्पादन बढ़ाने की मंजूरी ली है पहले कितना होता था उत्पादन जिन कंपनियों में पहले एक हजार यूनिट तैयार किए जा रहे थे, वहां अब दो से तीन हजार यूनिट तैयार होने लगे हैं। तीन-तीन बैच एक दिन में तैयार होने लगे हैं। मैनुअल पावर कैसे बढ़ाई गई व सैनिटाइजर तैयार करने वाले विशेषज्ञों की कहां से तैनाती हुई, इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

गुणवत्ता पर भी सवाल

अधिकांश कंपनियों में रातोंरात प्रोडक्शन तो बढ़ गई लेकिन उनकी गुणवत्ता को लेकर खामियां भी सामने आ रही हैं। एल्कोहल व अन्य सामग्री की अनुमति लेने के लिए लंबी प्रक्रिया होती है, फिर एकाएक इतना उत्पादन कैसे किया जा रहा है। यह भी पता चला है कि नए बैच में बन रहे सैनिटाइजर के स्टाक से अभी तक कोई सैंपल नहीं भर पाया है। 

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जिले में सैनिटाइजर तैयार करने वाली कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने की अनुमति मिलने की सूचना है। गुणवत्ता व दाम को लेकर कंपनियों की ओर से क्या किया जा रहा है, इसके बारे में जानकारी नहीं है। सैनिटाइजर के जल्द ही सैंपल लिए जाएंगे।

-विकास ठाकुर, ड्रग इंस्पेक्टर, ऊना।

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