चिंतपूर्णी के बाजार से हटाया अतिक्रमण, भड़के लोग
श्रावण अष्टमी मेले में प्रबंधों का जायजा लेने पहुंचे जिला उपायुक्त एवं मंदिर आयुक्त संदीप कुमार ने मुख्य बाजार में अतिक्रमण को लेकर बड़ी कार्रवाई की।
संवाद सहयोगी, चितपूर्णी
श्रावण अष्टमी मेले में प्रबंधों का जायजा लेने पहुंचे जिला उपायुक्त एवं मंदिर आयुक्त संदीप कुमार ने मुख्य बाजार में अतिक्रमण को लेकर बड़ी कार्रवाई की। रविवार दोपहर बाद शुरू की गई यह मुहिम शाम तक जारी रही। कई दुकानदारों को नालियों से सामान पीछे हटाने के साथ सड़क की तरफ बढ़ाई गई दुकानों के हिस्सों को भी तोड़ने के आदेश दिए। वहीं, प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के तरीके पर स्थानीय लोगों ने रोष जताया है।
रविवार को संदीप कुमार के नेतृत्व में प्रशासन ने मंदिर परिसर के पास से अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया। नए बस अड्डे तक दुकानों का सामान हटवाया। उपायुक्त ने कहा कि दुकानदारों को पहले भी सामान पीछे करने की हिदायत थी, लेकिन किसी ने प्रशासन की बात नहीं मानी। अतिक्रमण की वजह से यहां आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को दिक्कत हो रही थी। प्रशासन ने नालियों पर रखा गया दुकानों का सामान पीछे हटवाया तो कुछ दुकानदारों को दुकानों के आगे बढ़े हिस्से को तत्काल तोड़ने के निर्देश दिए। इसके बाद सभी दुकानदारों में हड़कंप मच गया। कई दुकानदारों ने खुद ही अपना सामान पीछे हटा लिया। इसके बाद सफाई कर्मचारियों ने नालियों की सफाई की। यह प्रक्रिया तीन घंटे से ज्यादा समय तक चलती रही। पूरी प्रक्रिया में उपायुक्त संदीप मौके पर ही रहे। वहीं प्रशासन की अतिक्रमण हटाओ मुहिम का स्थानीय लोगों ने विरोध किया है। प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए।
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मेले से पहले क्यों नहीं हटाया अतिक्रमण
प्रदेश भाजपा पंचायती राज प्रकोष्ठ के संयोजक संजीव शर्मा, पूर्व मंदिर न्यासी निरंजन कालिया व सतीश कालिया, स्थानीय व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुंदन गर्ग, पूर्व पंचायत प्रधानों विनोद कुमार व केवल कृष्ण और जीवन प्रकाश ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए अस्थायी व स्थायी दुकानदारों पर हथोड़ा चलाकर वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहा है। जबकि मेले को लेकर प्रशासन ने जो दावे किए थे, वैसे प्रबंध कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। उच्च न्यायालय ने एक वर्ष पूर्व अतिक्रमण हटाने के दिशा-निर्देश दिए थे, लेकिन तब प्रशासन गहरी नींद में सोया रहा। अब जबकि चितपूर्णी में श्रावण अष्टमी मेले का चौथा दिन था और मुख्य बाजार में भीड़ भी थी तो प्रशासन ने गरीब दुकानदारों के सामान को नुकसान पहुंचाया। प्रशासन का रवैया तानाशाही वाला है। जब दुकानों का सामान बाहर फेंका जा रहा था तो दुकानदार मायूसी से प्रशासन की कार्रवाई को देख रहे थे।
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प्रशासन का इरादा दुकानदारों को तंग करने का नहीं है। कई दुकानदार नालियों पर कब्जा करने के बाद सड़क तक सामान रख रहे हैं। उन्हें हिदायत भी दी गई थी, लेकिन किसी ने प्रशासन की बात नहीं सुनी। प्रशासन ने दुकानों को क्षति नहीं पहुंचाई है। सिर्फ सरकारी जगह से अतिक्रमण हटवाया है।
-संदीप कुमार, मंदिर आयुक्त एवं उपायुक्त।