ऊना में नशा माफिया ने फिर जमाई जड़ें
सतीश चंदन ऊना जिले में वर्षो से चले आ रहे नशे के कारोबार को बंद करने के लिए जो मुहिम ल
सतीश चंदन, ऊना
जिले में वर्षो से चले आ रहे नशे के कारोबार को बंद करने के लिए जो मुहिम लॉकडाउन में शुरू हुई थी वह अंजाम तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ गई है। अनलॉक फेस शुरू होते ही नशा माफिया एक बार फिर सक्रिय हो गया है। चिट्टा और चरस के कारोबारियों ने यहां जड़ें जमाना शुरू कर दी हैं। तेजी से फलफूल रहे धंधे पर लॉकडाउन में पूरी तरह से पाबंदी लग गई थी, लेकिन अब जिले में आए दिन हेरोइन व चरस के साथ नौजवान युवाओं को पकड़ा जा रहा है। चोर रास्तों से चिट्टा माफिया अपने पांव पसार रहा है। सूत्र बताते हैं कि अनलॉक शुरू होने के बाद नशा माफिया के लिए भी चोर दरवाजे खुल गए हैं। हैरत का विषय यह है कि खासकार चिट्टे को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए माफिया ने नई तकनीक का सहारा लेते हुए काम करने का ढंग बदल लिया है। पहले जहां जिले में भारी मात्रा में खेप पहुंचाई जाती थी। अब वहीं बड़ी खेप महज डेढ़ से सात ग्राम तक सिमट कर रह गई है। इस तकनीक से सबसे अधिक लाभ यह है कि पुलिस आरोपित को चिट्टे की कुछ मात्रा के साथ पकड़ती है उसके बाद कम मात्रा होने के कारण आरोपित रिहा हो जाते हैं। कैसे चलता हैं चिट्टे का कारोबार
चिट्टा जैसे खतरनाक नशे के धंधे से जुड़ा माफिया पहले तो युवाओं को इसकी आदत डालता है। जब कोई भी इस नशे की चपेट आ जाता है। उसके बाद उन्हें नशा देने के साथ ही सप्लाई करने की चेन चलाता है। हालांकि जो युवा इस तरह के माफिया के पास महज नशे की डोज तक सीमित रहते हैं। ऐसे युवाओं को नशे की डोज की एवज में मोटी रकम वसूली जाती है। चिट्टे की आदत के कारण कई युवा जहां कर्ज के दलदल में धंसते जा रहे हैं तो कई युवा अपने घरों से सोने के आभूषण तक गिरवी रखकर नशा खरीदकर इसका सेवन करते हैं।
पुलिस को मिल रही सफलता
एएसपी विनोद कुमार धीमान ने कहा कि नशा माफिया पर पुलिस शिकंजा कस रही है। इसमें पुलिस को काफी हदतक सफलता भी मिली है। पुलिस माफिया के खिलाफ अभियान आगे भी जारी रहेगा।
15 मामलों में 20 लोगों की गिरफ्तारी
ऊना में नशे के बढ़ते कारोबार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 40 दिन में यहां नशे के 15 मामले सामने आए हैं, जबकि 20 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।