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इस बार ज्यादा है दीवाली पर मिट्टी के दीयों की मांग

बीते समय में मिट्टी के बर्तनों का बहुत रुझान था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 04:42 PM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 04:42 PM (IST)
इस बार ज्यादा है दीवाली पर मिट्टी के दीयों की मांग
इस बार ज्यादा है दीवाली पर मिट्टी के दीयों की मांग

संवाद सूत्र, भरवाई : बीते समय में मिट्टी के बर्तनों का बहुत रुझान था। हर किसी के घर में मिट्टी के बर्तन आसानी ने मिल जाते थे। परंतु समय के साथ-साथ मिट्टी के बर्तनों की जगह स्टील व प्लास्टिक के बर्तनों ने ले ली है। बावजूद इसके भरवाई बाजार में धर्मपाल शर्मा पिछले 22 साल से मिट्टी के बर्तनों का व्यापार कर रहे हैं। उनकी दुाकन पर आज भी मिट्टी के घड़े, कुज्जे, छोटे व बड़े दीये मिलते हैं।

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इस बार जहां आम जनता द्वारा चीनी सामान का वहिष्कार किया जा रहा है। इस कारण मिट्टी के दीयों की मांग भी बढ़ी है। बाजार में भी लोग मिट्टी के दिये खरीदने को प्राथमिकता दे हैं, जिससे ऐसे बर्तन बनाने वालों के चेहरों पर भी मुस्कान दिखाई दे रही है।

धर्मपाल शर्मा सब्जी की दुकान के साथ-साथ मिट्टी के बर्तनों का व्यापार करते हैं। भरवाई बाजार में सिर्फ उनके पास ही मिट्टी के बर्तन मिलते हैं। मौजूदा समय में इन बर्तनों का उपयोग पहले जैसा तो नहीं है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी इन बर्तनों की मांग है। गर्मियों के मौसम में मिट्टी के घड़े की मांग ज्यादा रही है। वहीं पूजा में आज भी मिट्टी के कुज्जे ही उपयोग में लाए जाते हैं और इनकी जगह कोई अन्य प्लास्टिक या स्टील का बर्तन या वस्तु नहीं ले पाई है।

धर्मपाल शर्मा बताते हैं कि आगे भी वह यह व्यापार करते रहेंगे क्योंकि अपनी संस्कृति व मिट्टी से जुड़े लोगों के बीच आज भी हमारा यह रोजगार चल रहा है। बताया कि वह सारा सामान देहरा तहसील के बढूही गांव से खरीदते है।


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