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धोखाधड़ी मामले में इस्पात कंपनी के खिलाफ जांच तेज

अम्ब क्षेत्र में करीब 50 करोड़ के लोन में धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में विजिलेंस इस्पात कंपनी के दस्तावेजों को खंगालने में जुट गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 09:22 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 06:15 AM (IST)
धोखाधड़ी मामले में इस्पात कंपनी के खिलाफ जांच तेज
धोखाधड़ी मामले में इस्पात कंपनी के खिलाफ जांच तेज

जागरण संवाददाता, ऊना : अम्ब क्षेत्र में करीब 50 करोड़ के लोन में धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में विजिलेंस इस्पात कंपनी के दस्तावेजों को खंगालने में जुट गई है। आरोपित अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए पहले ही उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल कर चुके हैं। विजिलेंस अगली सुनवाई में स्टेट्स रिपोर्ट उच्च न्यायालय के समक्ष रख सकती है। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक की जिस शाखा के अधिकारी ने इस लोन को फर्जी दस्तावेजों पर बढ़ाने की मंजूरी जारी की थी उस पर भी विजिलेंस का शिकंजा कसा जा सकता है।

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विजिलेंस ने अम्ब-मुबारिकपुर रोड की एक इस्पात कंपनी पर ऋण मामले में धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोपों को देखते हुए मामला दर्ज किया था। इसके बाद विजिलेंस ने कंपनी का रिर्कार्ड कब्जे में ले लिया था। कंपनी द्वारा स्टील तैयार किया जाता था और उसे किसी कंपनी के माध्यम से प्रमुख शहरों में बेचा जाता था। यह स्टील कंपनी बिजली बोर्ड की भी एक करोड़ से अधिक की कर्जदार चल रही है। वर्तमान में कंपनी में उत्पाद भी बंद हो चुका है।

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यह है मामला

अम्ब उपमंडल मुख्यालय में एक स्टील उत्पाद प्लांट संचालन के लिए किसी कंपनी द्वारा कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक से करीब 15 करोड़ का ऋण लिया था। इसके बाद कंपनी प्रबंधन ने प्लांट की मौजूदा संपत्ति के आधार पर इस ऋण की सीमा 25 करोड़ करने की सिफारिश की। इसे भी बैंक ने मंजूर कर लिया था। कंपनी के प्रबंधकों ने इस ऋण राशि को फिर से बढ़ाने और मशीनरी लगाने के नाम से बिल भी बैंक के सामने प्रस्तुत कर दिए। बैंक प्रबंधन ने भी कंपनी प्रबंधन को दस करोड़ की मंजूरी प्रदान कर दी थी। यह राशि अब करीब 50 करोड़ तक पहुंच चुकी है।

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बैंक के अधिकारियों से भी पूछताछ की संभावना

विजिलेंस जांच शुरू कर चुकी है। जांच खुलते ही कंपनी प्रबंधकों के अलावा संबंधित बैंक शाखा के अधिकारियों से भी पूछताछ की संभावना है। अधिकारियों ने लोन की सीमा बढ़ाने के लिए जो दस्तावेज दिए थे, उनकी पड़ताल करने में कहीं न कहीं लापरवाही बरती है। ऐसे में विजिलेंस बैंक के अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकती है। संबंधित शाखा के तत्कालीन अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची भी तैयार की गई है।

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विजिलेंस ने इस मामले की प्राथमिकी दर्ज होते ही जांच शुरू कर दी थी। अभी प्रारंभिक जांच है, इसलिए कुछ विशेष नहीं कहा जा सकता है।

-सागर चंद्र, एएसपी विजिलेंस।


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