शीतला मंदिर के रास्ते में छाया रहता अंधेरा
चिंतपूर्णी से सिर्फ तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित धार्मिक स्थल शीतला मंदिर में उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से प्रतिदिन हजारों की संख्या में मां के भक्त पहुंचते हैं।
चिंतपूर्णी : चिंतपूर्णी से सिर्फ तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित धार्मिक स्थल शीतला मंदिर में उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से प्रतिदिन हजारों की संख्या में मां के भक्त पहुंचते हैं। वक्त के साथ श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि दर्ज हो रही है, लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा के कारण श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस धार्मिक स्थल पर हर वर्ष दो से तीन लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। सुविधाओं के नाम पर पंचायत स्तर पर बनी कमेटी ही मंदिर के इंतजाम देखती है, लेकिन अभी तक मंदिर परिसर को छोड़कर शेष क्षेत्र में बहुत कुछ होना बाकी है।
नारी गांव से शीतला मंदिर तक स्ट्रीट लाइटें न होने से पैदल चलने वाले यात्रियों को रात के अंधेरे में भी सफर तय करना पड़ता है। क्षेत्र में कोई सुलभ शौचालय न होने के कारण विशेष रूप से महिला यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शीतला के बस स्टाप पर वर्षाशालिका के अभाव में धूप व वर्षा में यात्रियों को खड़े होना पड़ता है। स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर पर एक अस्पताल तो है, लेकिन स्टाफ की कमी से यहां भी मरीजों को असुविधा होती है। मेले के दौरान सफाई कर्मचारियों के अभाव में गंदगी फैलना भी आम बात है। इस चार किलोमीटर के सफर में सफाई कर्मचारी आम दिनों में नियुक्त नहीं किए जाते। मेले के दौरान बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों के वाहनों को यहीं सड़क पर रोक लिया जाता है, लेकिन पार्किंग सुविधा के अभाव में ट्रैफिक जाम की स्थिति बुरी रहती है। स्थानीय निवासी सोमदत्त, यशपाल, प्रीतम ¨सह और जोगेन्द्र ने स्थानीय प्रशासन से आग्रह किया है कि श्रद्धालुओं व स्थानीय वासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस धार्मिक नगरी में मूलभूत सुविधाओं की कमी को अतिशीघ्र पूरा किया जाए।