Move to Jagran APP

टेंपो में सस्ता प्याज देने वाले आखिर कौन?

प्याज की कीमत भले ही आंसू निकलवा रही हों लेकिन ऐसे में अनजान लोग सस्ते प्याज का स्टाक लेकर सामने आने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 06:44 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 06:19 AM (IST)
टेंपो में सस्ता प्याज देने वाले आखिर कौन?
टेंपो में सस्ता प्याज देने वाले आखिर कौन?

राजेश शर्मा, ऊना

loksabha election banner

प्याज की कीमत भले ही आंसू निकलवा रही हों लेकिन ऐसे में अनजान लोग सस्ते प्याज का स्टाक लेकर सामने आने लगे हैं। अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि प्याज के थोक में व्यापार करने वाले जमाखोरी कर रहे हैं या सब्जी मंडियों में आने वाला प्याज ही घटिया है। जो प्याज सब्जी मंडी में 80 रुपये थोक के भाव उपलब्ध कराया जा रहा है, वह गांवों में कई अनजान लोग 70 रुपये परचून में बेचने उतर गए हैं।

----------

यह है मामला : शनिवार को ऊना शहर में करीब तीन ऐसे वाहन घूम रहे थे जिनमें माइक से सस्ते प्याज की उद्घोषणा हो रही थी। जहां भी हाईवे पर यह वाहन रुकता, न जाने कितने लोगों की भीड़ वहां जमा हो रही थी। सिर्फ फर्क था तो प्याज के दाम का। यहां टेंपो में बैठा अनजान व्यापारी ग्राहकों को प्याज 70 रुपये किलोग्राम की दर से बेच रहा था। लोग भी खुशी से इस दाम में प्याज खरीद रहे थे। यहां तक कि जहां साथ ही रेहड़ी में यह प्याज नब्बे से सौ रुपये किलोग्राम मिल रहा था। हैरानी तो यह थी कि कई सब्जी विक्रेता भी इस टेंपो में प्याज रखकर बेचने वाले से प्याज खरीद रहे थे।

-------------

कौन हैं ये लोग

टेंपो में रखकर सस्ता प्याज बेचने वाले आखिर कौन हैं? इस सवाल का जवाब न तो कृषि उपज मंडी समिति के अधिकारियों के पास है और न ही सब्जी के किसी दुकानदार को इसकी जानकारी है। महज यह पता चलता है कि ऐसे टेंपो पंजाब की ओर से हिमाचल की सीमा में दाखिल होते हैं। पूरा माल बेचने के बाद फिर से पंजाब की ओर लौट जाते हैं। तो क्या पंजाब की सीमाओं पर कहीं प्याज की जमाखोरी की गई है? क्या पंजाब की सीमाओं पर व्यापारियों के गोदामों पर दबिश दी गई हैं। दो प्रमुख बैरियरों से रोजाना चालीस से अधिक ऐसे टेंपो हिमाचल में दाखिल हो रहे हैं। इससे साफ है कि कहीं न कहीं ऐसे प्याज की कालाबाजारी हो रही है। इस स्टाक की जमाखोरी भी हो रही है।

-----------------

यहां है पेच

जिले में थोक में अथवा मंडी का भाव भी अस्सी रुपये से कम नहीं हो पाया है। इसमें अगर परचून के दाम को देखें तो सौ रुपये तक किलोग्राम बैठ रहा है। जिले में अधिकांश दुकानों पर यह स्टाक उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में गांवों में प्याज का स्टाक सस्ती दरों में टेंपो के माध्यम से पहुंच रहा है। इससे स्थानीय सब्जी के दुकानदारों का प्याज की लागत लगभग ठप हो चुकी है।

---------------

यह हैरानी का विषय है कि थोक के भाव से भी सस्ता प्याज कहां से लाया जा रहा है। इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। यह मामला गंभीर है। इसमें जिला प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए।

-बलबीर सिंह बग्गा, चेयरमैन कृषि उपज मंडी समिति ऊना।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.