सुबह नौ से सायं सात बजे तक करे मां चिंतपूर्णी के दर्शन
संवाद सहयोगी चिंतपूर्णी धार्मिक स्थल चितपूर्णी मंदिर के कपाट वीरवार से श्रद्धालुओं के लिए
संवाद सहयोगी, चिंतपूर्णी : धार्मिक स्थल चितपूर्णी मंदिर के कपाट वीरवार से श्रद्धालुओं के लिए खोले जा रहे हैं। वीरवार सुबह नौ से सायं सात बजे तक मंदिर खोलने का प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है। मंदिर आयुक्त व जिला उपायुक्त संदीप कुमार बुधवार को चिंतपूर्णी पहुंचे और श्री चिंतपूर्णी सदन, मंदिर परिसर और मुख्य बाजार में श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं का निरीक्षण किया।
संदीप कुमार ने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले सभी श्रद्धालुओं का कोरोना टेस्ट नेगेटिव होना जरूरी है। इसी के साथ अन्य राज्य से आने वाले प्रत्येक टूरिस्ट को होटल में कमरा बुक करवाना भी अनिवार्य है। ऐसा सरकार द्वारा बनाई गई एसओपी में निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि चितपूर्णी व्यापार मंडल का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला, जिसमें उन्होंने चितपूर्णी मंदिर में पैकेट प्रसाद श्रद्धालुओं द्वारा ले जाने का आग्रह किया। व्यापार मंडल के प्रधान वासुदेव, रविद्र छिदा, निरंजन कालिया, रमेश कालिया, विनोद कालिया, संजीव रतन, अरुण शर्मा, अश्विनी कालिया और कुंदन गर्ग के साथ कई अन्य दुकानदारों ने उपायुक्त के समक्ष अपनी मांग रखी कि छह माह से दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ा है। अगर मंदिर में प्रसाद ले जाने पर जिला प्रशासन अनुमति नहीं देता है तो दुकानदारों की स्थिति यथावत ही रह जाएगी। जिलाधीश ने दुकानदारों की मांग को मानते हुए श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रसाद ले जाने अनुमति देकर दुकानदारों को बड़ी राहत दी। साथ ही अगर मंदिर परिसर में प्रसाद बांटा जाता है तो प्रशासन कार्रवाई करेगा। कोई भी पुजारी श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में ले जाने वाले प्रसाद को नहीं पकड़ेगा। श्रद्धालु खुद अपना प्रसाद हाथ में पकड़ कर दर्शन करने के बाद परिसर से वापसी गेट से बाहर निकल जाएंगे। मंदिर गर्भ गृह में केवल दो पुजारी ही रहेंगे।
श्रद्धालु अपने बच्चों के मुंडन श्री चिंतपूर्णी सदन की बिल्डिग में ही करवा सकेंगे।
पुराने बस अड्डे के समीप की जाए स्क्रीनिग की व्यवस्था
चितपूर्णी के आसपास के गांव के लोगों ने जिला प्रशासन से आग्रह किया कि स्थानीय लोगों को दर्शन करने के लिए दर्शन पर्ची स्क्रीनिग की व्यवस्था पुराना बस अड्डा में की जाए। ग्राम सुधार सभा, नारी के प्रधान भोला सिंह ठाकुर ने बताया कि स्थानीय वासियों के लिए प्रशासन को यह व्यवस्था करनी चाहिए।