दुल्हन की तरह सजा मां चिंतपूर्णी का मंदिर
नीरज पराशर चितपूर्णी उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थस्थल चितपूर्णी में मंगलवार से शुरू होने जा र
नीरज पराशर, चितपूर्णी
उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थस्थल चितपूर्णी में मंगलवार से शुरू होने जा रहा श्रावण अष्टमी नवरात्र मेला इस बार स्थगित रहेगा और मंदिर के कपाट भी बंद रहेंगे। इस दौरान किसी भी श्रद्धालु को मां के दरबार में आने की इजाजत नहीं होगी। बावजूद इसके मां के मंदिर को इस उपलक्ष्य में दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। कोरोना संकट के चलते श्रद्धालुओं को मंदिर में न आने की अपील मंदिर आयुक्त द्वारा भी जारी की गई है।
श्रावण अष्टमी नवरात्र मेला चितपूर्णी में साल का सबसे बड़ा आयोजन होता था और इसमें हर वर्ष करीब चार लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचते थे। मेले के आठ दिनों में पंजाब के चौहाल से शीतला मंदिर तक हर तरफ भीड़ होती थी और मुख्य बाजार में तो कहीं तिल धरने तक की जगह नहीं होती थी। सैकड़ों लंगरों का आयोजन होता था। मेले को लेकर मंदिर प्रशासन भी खास तैयारियां करता था और मेला शुरू होने से पहले ही चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात हो जाती थी।
वहीं, इस बार कहीं मेले की बजाय धार्मिक नगरी में सन्नाटे जैसा माहौल है। चितपूर्णी में इस मेले के दौरान करीब 20 करोड़ रुपये का कारोबार भी होता था, लेकिन अबकी बार मेले से पहले भी अधिकांश दुकानें बंद हैं। बावजूद इसके मां के दरबार को सजावट के लिए विशेष प्रकार के फूल श्रद्धालुओं ने मंगवाए हैं। अपना नाम गुप्त रखने वाला श्रद्धालु ही साज-सज्जा का खर्च खुद वहन करेगा।
कार्यवाहक मंदिर अधिकारी अभिषेक भास्कर ने बताया कि नवरात्र के पहले दिन मां के दरबार को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। चितपूर्णी मंदिर के कपाट बंद रहेंगे, लेकिन मंदिर में पुजारी वर्ग द्वारा पूर्व की भांति पूजा-अर्चना होती रहेगी। उन्होंने श्रद्धालुओं से भी अपील की कि वे घर में रहकर ही मां चितपूर्णी की आराधना करें।