चिंतपूर्णी मंदिर में बिछी मैट, अब ठंड से नहीं ठिठुरेंगे श्रद्धालु
धार्मिक नगरी चितपूर्णी में आने वाले श्रद्धालुओं की कई दिन तक परीक्षा लेने के बाद आखिरकार मंदिर न्यास नींद से जाग ही गया।
नीरज पराशर, चिंतपूर्णी
धार्मिक नगरी चितपूर्णी में आने वाले श्रद्धालुओं की कई दिन तक परीक्षा लेने के बाद आखिरकार मंदिर न्यास नींद से जाग ही गया। कड़ाके की ठंड में मां के दरबार में नंगे पांव पहुंचने वाले भक्तों के लिए न्यास द्वारा मंदिर परिसर क्षेत्र में मैट और दरियां बिछा दी गई हैं।
श्रद्धालुओं ने मंदिर न्यास के समक्ष भी इस बारे में बात रखी थी। मंदिर प्रशासन ने शुक्रवार दोपहर बाद कई जगहों पर मैट बिछा दिए लेकिन अब भी दरबार में कई ऐसी जगहें हैं, जहां मैट या दरी की दरकार है।
चितपूर्णी में इन दिनों सुबह और शाम के समय घना कोहरा और धुंध पड़ने से सारा क्षेत्र ठंड की चपेट में है। मंदिर के खुलने का समय सुबह चार बजे है। मंदिर के कपाट रात साढे़ नौ बजे बंद होते हैं।
लाजिमी है कि तड़के और रात के समय भी श्रद्धालु मां के दर पर हाजिरी लगवाने पहुंचते हैं। इस दौरान श्रद्धालु बर्फ जैसे बन चुके फर्श पर नंगे पांव ठिठुरते हुए देखे जा रहे थे।
जागरण टीम ने जब वीरवार रात को मंदिर परिसर क्षेत्र का दौरा किया तो मैट या दरी की कोई व्यवस्था नहीं थी। इस मुद्दे को अधिकारियों के समक्ष रखा। शुक्रवार दोपहर बाद न्यास ने मंदिर प्रांगण में कई जगहों पर मैट बिछा दिए।
कई श्रद्धालु पुराने बस अड्डे से ही मां के दरबार में नंगे पांव पहुंचते हैं। अब तीन दिन बाद नववर्ष मेले का आयोजन भी होने जा रहा है। लाजिमी है कि भीड़ बढ़ने पर भक्तों की लाइनें लगेंगी और मां के दर्शन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। ऐसे में मंदिर न्यास को इस सारे क्षेत्र में मैट बिछाने की व्यवस्था करनी होगी।
इस बारे में मंदिर की सहआयुक्त एवं अम्ब की एसडीएम एस तोरूल रवीश ने बताया मामला ध्यान में आने के बाद मंदिर परिसर क्षेत्र में मैट व दरियां बिछा दी गई हैं। अगर कहीं और भी ऐसी व्यवस्था की आवश्यकता हुई तो शीघ्र ही इस कार्य को पूरा किया जाएगा।