दान में मिली जमीन का क्यों नहीं हो रहा सही इस्तेमाल
मंदिर न्यास चितपूर्णी को कुछ लोगों द्वारा मुफ्त में जमीन दी जा रही है।
संवाद सहयोगी, चिंतपूर्णी : मंदिर न्यास चितपूर्णी को कुछ लोगों द्वारा मुफ्त में जमीन दी जा रही है। बेशक स्थानीय वासियों की यह सराहनीय पहल है लेकिन जो लोग दान में जगह दे रहे हैं, वे न्यास के समक्ष किसी विशेष भवन, संस्थान या किसी अन्य चीज के निर्माण की शर्त क्यों रख देते हैं। क्या इसके पीछे जमीन दान देने वालों का कोई स्वार्थ होता है या फिर वे चितपूर्णी क्षेत्र के विकास में मंदिर न्यास का सहयोग इसलिए चाहते हैं कि इससे क्षेत्र की जनता को सीधा फायदा मिलेगा। बावजूद अगर मंदिर न्यास संसाधनों, स्टाफ या अन्य कारणों से मुफ्त में ली हुई जमीन का इस्तेमाल और मालिकों से किए गए वादे को निभाने में असमर्थ है, तो सवाल यही कि फिर शर्तो पर जमीन ली ही क्यों जा रही है।
दरअसल अकेले तलवाड़ा बाईपास पर ही मंदिर न्यास को दो जगहों पर जमीन दान दी गई। एक जगह पर शर्त पार्किंग निर्माण की थी, दूसरी जगह पर धलवाड़ी रोड के पास बाईपास पर ढाई कनाल जमीन स्थानीयवासियों कुलदीप कुमार और लीला देवी ने दान कर दी। बकौल कुलदीप कुमार पांच वर्ष पूर्व मंदिर न्यास के अधिकारियों ने चितपूर्णी में वृद्धाश्रम बनाने के लिए जमीन लेने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने मंदिर न्यास से संपर्क साधा और सड़क के किनारे ढाई कनाल जमीन दान कर दी। अब हालात यह हैं कि न्यास ने वहां कांटेदार तार लगा रखी है और एक भी ईट वृद्धाश्रम के भवन के लिए नहीं लगाई। अगर न्यास ने उस जमीन पर कुछ करना नहीं था तो फिर जमीन दान में क्यों नहीं ली।
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अब तक नहीं लिया निर्णय : एसडीओ
इस बारे में मंदिर न्यास के एसडीओ आरके जसवाल ने माना कि न्यास को दो लोगों ने ढाई कनाल जगह दान में दी है लेकिन अभी तक वृद्धाश्रम के भवन निर्माण को लेकर कुछ भी फाइनल नहीं हो पाया है।