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25 हजार श्रद्धालुओं ने चिंतपूर्णी में टेका माथा

प्रसिद्ध तीर्थस्थल चिंतपूर्णी में शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां के दरबार में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 05:09 PM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 06:36 AM (IST)
25 हजार श्रद्धालुओं ने चिंतपूर्णी में टेका माथा
25 हजार श्रद्धालुओं ने चिंतपूर्णी में टेका माथा

संवाद सहयोगी, चिंतपूर्णी : प्रसिद्ध तीर्थस्थल चिंतपूर्णी में शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां के दरबार में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं। रविवार को करीब 25 हजार भक्तों ने मां की पवित्र पिडी के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त किया। धार्मिक नगरी में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। मंदिर के कपाट रात दो बजे ही खोल दिए गए थे।

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मंदिर खुलने के बाद मां के दरबार में लाइनें लगना शुरू हो गई। दोपहर बाद भी कतारें पौना किलोमीटर लंबी लुधियाना धर्मशाला के आसपास तक रहीं। मौसम अपेक्षाकृत ठंडा रहने से श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। हालांकि भक्तों को मां की पावन पिडी के दीदार के लिए तीन घंटे से ज्यादा का समय लगा।

रविवार को सारा दिन मेला क्षेत्र में हर तरफ मां के जयकारों की गूंज रही। नाचते-गाते श्रद्धालु अलग ही नजारा पेश कर रहे थे। इसके अलावा चितपूर्णी से करीब तीन किलोमीटर दूर प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मां शीतला मंदिर में भी भीड़ रही। धार्मिक संस्थाओं के लंगरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली।

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शंभू बाईपास पर रही ट्रैफिक जाम की स्थिति

शंभू बाईपास पर लगातार ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती रही। श्रद्धालुओं ने अपने वाहन बीच सड़क में ही खड़े कर दिए थे, जिस कारण रूट की बसों का समय भी प्रभावित हुआ। इस स्थान पर कम पुलिस बल होने से ट्रैफिक को नियंत्रण करना बेहद मुश्किल हो रहा था। वहीं, तलवाड़ा बाईपास पर भी पार्किंग फीस बचाने के चक्कर में कई बसें सड़क के किनारे बेतरतीब ढंग से खड़ी की गई थीं। दोपहर को वाहनों की संख्या ज्यादा होने से पुलिस ने बड़े वाहनों को भरवाई में रोकना शुरू कर दिया तो मंदिर न्यास की पार्किंग में भी छोटे वाहन भेजे गए।

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अब तक मालवाहकों में सफर नहीं

जिला प्रशासन की सख्ती के बाद मेला क्षेत्र में मालवाहक न के बराबर पहुंचे। मेले में बसों में ओवरलोडिग भी देखने को नहीं मिल रही है। इसके अलावा प्रशासन द्वारा थर्मोकोल और प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधक स्टील के बर्तनों में ही श्रद्धालुओं को खाना परोस रहे हैं। अधिकांश लंगर प्रबंधक ये बर्तन अपने साथ ही लाए हैं। खुले में लंगर बांटने की लंगर प्रबंधकों की आदत में इस बार सुधार देखने को मिला है।

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वापसी गेट पर की जा रही है सख्ती

मंदिर अधिकारी हरि सिंह ने बताया कि बेशक तलवाड़ा की तरफ से आने वाले श्रद्धालु मंदिर के वापसी गेट की तरफ से दर्शन करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यहां पर प्रशासन द्वारा सख्ती की गई है और अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की गई है। दर्शन पर्ची के बिना मंदिर परिसर में कोई भी श्रद्धालु प्रवेश नहीं कर सकता है।


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