मंदिर न्यास स्वागत कक्ष व पार्किंग परिसर का खुद करेगा संचालन
मंदिर न्यास व एशियन डेवलपमेंट बैंक के सौजन्य से बने पार्किंग एवं स्वागत कक्ष परिसर के संचालन का रास्ता साफ हो गया है।
नीरज पराशर, चिंतपूर्णी
मंदिर न्यास व एशियन डेवलपमेंट बैंक के सौजन्य से बने पार्किंग एवं स्वागत कक्ष परिसर के संचालन का रास्ता साफ हो गया है। इस परिसर को संचालित करने की कमान मंदिर न्यास ने खुद अपने हाथों में ले ली है। वीरवार को हुई न्यास की बैठक में इस बात का पटाक्षेप हो गया।
इस परिसर पर लगभग 55 करोड़ रुपये का खर्च आया है और इस प्रोजेक्ट में श्रद्धालुओं के लिए तमाम आधुनिक सुविधाओं का समावेश भी किया गया है। पूर्व में न्यास ने इस परिसर का जिम्मा किसी निजी संस्था को देना चाहता था। इसके लिए न्यास ने लम्बी कवायद भी की।
दो वर्ष तक चली प्रक्रिया में इस परिसर के प्रबंधन पर सुझाव व विचार मांगने के बाद दो पार्टियों के टेंडर भी आए। अंत में एक पार्टी को संचालन का जिम्मा देने की बात फाइनल हो गई। उक्त पार्टी की फाइल स्वीकृति के लिए भाषा एंव संस्कृति विभाग के पास पड़ी हुई थी। न्यास द्वारा यह भी अनुमोदन किया जा चुका था कि उक्त पार्टी यानी एमआरसी ग्रुप को इस परिसर के संचालन के बदले में 10,01,141 रुपये की वार्षिक दर से राशि ली जाए। इतनी कम कीमत पर करोड़ों रुपये से बने इस भवन को लीज पर देने का स्थानीय स्तर भी विरोध दर्ज हो रहा था। जनमंच कार्यक्रम के दौरान भी यह मुद्दा उठा था।
अब ताजा कड़ी में मंदिर आयुक्त ने खुलासा कर दिया है कि इस परिसर का संचालन पूरी तरह से मंदिर न्यास करेगा। हालांकि कर्मचारी आउटसोर्स पर रखे जाएंगे या उनकी स्थायी नियुक्ति की जाएगी, इस पर निर्णय होना शेष है।
वीरवार को आयोजित बैठक में मंदिर आयुक्त संदीप कुमार ने स्पष्ट किया कि यह परिसर न्यास द्वारा व्यावसायिक हितों को ध्यान में रखते हुए नहीं बनाया गया था। इस परिसर में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं दी जा सकती हैं और हाल ही में लंगर भवन को स्थानांतरित करने के बाद यहां श्रद्धालुओं को बेहतर व्यवस्था के तहत खाना परोसा जा रहा है।
इस परिसर से ही सावन अष्टमी मेले में पर्ची सिस्टम और अन्य व्यवस्थाएं भी संचालित की गई थीं। प्रयोग भी सफल में रहा। अब मंदिर न्यास द्वारा संचालन करने के बाद यहां अन्य सुविधाओं में भी इजाफा होगा। पूर्व न्यासी व चितपूर्णी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने मंदिर न्यास के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि मंदिर आयुक्त की इस पहल से चितपूर्णी के विकास को लेकर सकारात्मक व दूरगामी परिणाम होंगे।