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चिंतपूर्णी में अगले तीन दिन अग्निपरीक्षा के

चिंतपूर्णी में श्रावण अष्टमी मेले के पहले चार दिन शांतिपूर्वक निपटने के बाद अब मेला प्रशासन की अग्निपरीक्षा का समय आ गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 05:15 PM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 05:15 PM (IST)
चिंतपूर्णी में अगले तीन दिन अग्निपरीक्षा के
चिंतपूर्णी में अगले तीन दिन अग्निपरीक्षा के

नीरज पराशर, चिंतपूर्णी

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चिंतपूर्णी में श्रावण अष्टमी मेले के पहले चार दिन शांतिपूर्वक निपटने के बाद अब मेला प्रशासन की अग्निपरीक्षा का समय आ गया है। इस बार रविवार को छोड़कर बाकी दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या औसत रही है, लेकिन अगले तीन दिन में भीड़ बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में संभावित भीड़ के मद्देनजर प्रशासन को सुरक्षा, पंक्ति व्यवस्था, पेयजल, ट्रैफिक व सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना होगा। मेला प्रशासन की टीम को इस बात का ध्यान भी रखना होगा कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कम से कम मां के दर्शन के लिए इंतजार के बावजूद किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। असामाजिक तत्वों पर पुलिस को अब विशेष तौर पर नजर रखनी होगी, क्योंकि पूर्व के वर्षो में इन्हीं मेलों में अफवाहों के कारण हिसा हुई थी। इस बार भी मेले में ऐसे तत्व सक्रिय हो सकते हैं। पुलिस को संदिग्ध लोगों के खिलाफ अभियान चलाना होगा। होटलों, सरायों व धर्मशालाओं की भी नियमित चेकिग करनी होगी। जिस तरह की भीड़ बढ़नी शुरू हुई है, उसे देखते हुए आने वाले दिनों में होशियारपुर-चितपूर्णी सड़क पर ट्रैफिक का अतिरिक्त बोझ होगा। संभावित भीड़ को देखते हुए प्रशासन को सड़क किनारे बेतरतीब तरीके से खड़े वाहनों को समय रहते हटाना होगा। ऐसे में ट्रैफिक की समस्या का काफी हद तक हल हो सकता है। भरवाई से शीतला मंदिर तक दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को लेकर भी प्रशासन को कार्रवाई करनी होगी। प्रशासनिक अधिकारियों को भारी भीड़ वाली जगहों पर वाहनों की आवाजाही पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगाना होगा। सड़क के बीचों-बीच लंगरों का गंदा पानी बहा रहे प्रबंधकों के खिलाफ भी प्रशासन को एक्शन लेना होगा। अगले तीन दिन तक उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को मेला क्षेत्र में ही डटे रहना चाहिए और खुद फील्ड में जाकर हर सेक्टर का मुआयना भी करना चाहिए।

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सावधानी जो बेहद जरूरी है

-मंदिर परिसर के आसपास अधिक भीड़ एकत्रित न हो, इसके लिए वैकल्पिक मार्गो का प्रयोग किया जाए। लक्कड़ बाजार और मुख्य पौढि़यों से अस्पताल जाने वाले रास्तों का प्रयोग भीड़ प्रबंधन के लिए किया जा सकता है।

-भीड़ वाले दिनों में जेबकतरों की गतिविधियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में मंदिर कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों की हर गतिविधि को वाच करने के लिए अतिरिक्त स्टाफ लगाया जा सकता है।

-तलवाड़ा रोड पर अस्थायी शौचालय न के बराबर होने से संपर्क मार्गो पर गंदगी के कारण स्थानीय लोगों का जीना दूभर हो गया है। इन संपर्क मार्गो की सफाई के लिए न्यास को प्रभावी तौर पर कदम उठाने चाहिए।

-ओवरलोडिग व मालवाहकों मे सफर करने से श्रद्धालुओं को सख्ती से रोका जाए ताकि दुर्घटनाओं की संभावना न रहे।

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