लंगर लगाने के लिए हर दिन देनी होगी एक हजार रुपये फीस
चिंतपूर्णी में पहली अगस्त से शुरू हो रहे सावन अष्टमी मेले में लंगर लगाने के लिए फीस निर्धारित कर दी गई है।
जागरण संवाददाता, ऊना : चिंतपूर्णी में पहली अगस्त से शुरू हो रहे सावन अष्टमी मेले में लंगर लगाने के लिए फीस निर्धारित कर दी गई है। लंगर लगाने वाली संस्थाओं को पांच हजार रुपये बतौर सिक्योरिटी जमा करने होंगे और एक हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से फीस देनी होगी। यह फैसला उपायुक्त संदीप कुमार के साथ लंगर कमेटियों की हुई बैठक में लिया गया। यह फीस मेला क्षेत्र में सफाई व्यवस्थाओं पर खर्च की जाएगी। उपायुक्त ने मेले में लंगर संस्थाओं के प्रतिनिधियों से पर्यावरण संरक्षण के नियमों का पालन सुनिश्चित करने को भी कहा है। सोमवार को उपायुक्त संदीप कुमार की अध्यक्षता में चिंतपूर्णी में लंगर लगाने की इच्छुक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई। बैठक में लंगर कमेटियों के प्रतिनिधियों ने लंगर लगाने के लिए प्रतिदिन के हिसाब से फीस वसूलने की सिफारिश की। इस सिफारिश को उपायुक्त ने स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि लंगर लगाने के लिए पांच हजार रुपये बतौर सिक्योरिटी जमा करने होंगे और एक हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से फीस देनी होगी। उन्होंने सभी लंगर कमेटियों से नियमों का पालन करने को कहा। बैठक में एडीसी अरिदम चौधरी, एसडीएम अम्ब तोरुल एस. रवीश, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऊना डॉ. रमन शर्मा सहित विभागों के अधिकारियों सहित लंगर कमेटियों के लगभग 70 प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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पॉलीथीन का प्रयोग हरगिज न करें
उपायुक्त ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पॉलीथिन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में लंगर लगाने वाली सभी कमेटियां इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पॉलीथिन व थर्मोकोल का कोई भी उत्पाद प्रयोग न करें। पॉलीथिन व थर्मोकोल पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। लंगर कमेटियों को पर्यावरण संरक्षण में प्रशासन के साथ सहयोग करना चाहिए। उपायुक्त ने पानी की छोटी बोतलें भी इस्तेमाल न करने की अपील की। कहा मेले के दौरान मंदिर परिसर में जगह-जगह कूड़ेदान लगाए जाएंगे और सभी यह सुनिश्चित करें कि कूड़ा कूड़ेदान में ही डालें।