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55 करोड़ से स्वागत कक्ष व पार्किंग परिसर तैयार, सुविधाओं की दरकार

क महीने बाद चितपूर्णी में वर्ष का सबसे बड़ा आयोजन सावन अष्टमी मेला शुरू होगा जिसमें छह से आठ लाख श्रद्धालु भाग लेंगे। विडम्बना यह भी है कि इस आयोजन को ध्यान में रखकर बनाए गए स्वागत कक्ष व पार्किंग परिसर का संचालन करने में कोई रूचि नहीं दिखा रहा है। हालांकि पहली जुलाई को इस मेले को लेकर न्यास बैठक भी करने जा रहा है लेकिन इस मुद्दे पर चचर इसलिए भी कम होने के आसार हैं क्योंकि पिछले दो वर्ष से इस पर कोई ठोस फैसला नहीं हो पाया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 07:59 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 06:40 AM (IST)
55 करोड़ से स्वागत कक्ष व पार्किंग परिसर तैयार, सुविधाओं की दरकार
55 करोड़ से स्वागत कक्ष व पार्किंग परिसर तैयार, सुविधाओं की दरकार

संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : एक महीने बाद चितपूर्णी में वर्ष का सबसे बड़ा आयोजन सावन अष्टमी मेले शुरू होंगे। करीब छह से आठ लाख श्रद्धालु मंदिर में माथा टेकेंगे। विडम्बना यह भी है कि इस आयोजन को ध्यान में रखकर बनाए गए स्वागत कक्ष व पार्किंग परिसर का संचालन करने में कोई रुचि नहीं दिखा रहा है। हालांकि पहली जुलाई को मेले को लेकर न्यास बैठक होगी लेकिन इस मुद्दे पर चर्चा इसलिए भी कम होने के आसार हैं क्योंकि पिछले दो वर्ष से कोई ठोस फैसला नहीं हो पाया है।

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अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित चितपूर्णी मंदिर न्यास के 'ड्रीम प्रोजेक्ट' में श्रद्धालुओं को अंतररष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध होने की आस भी बंधी थी। दो साल पहले करीब 55 करोड़ रुपये की लागत से बने 45 कनाल में स्वागत कक्ष व पार्किंग परिसर का तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने उद्घाटन किया था लेकिन श्रद्धालुओं के लिए अब तक इस परिसर को औपचारिक तौर पर ही खोला जा रहा है और जिन सुविधाओं की बात हुई थी, उस पर अमल नहीं हो पाया है।

मंदिर न्यास व एशियन डेवलपमेंट बैंक के संयुक्त तत्वाधान में बने बहुउद्देश्यीय परिसर में तमाम उन सुविधाओं का समावेश है, जिसकी जरूरत महसूस की जा रही थी। वहीं मंदिर न्यास इसी जगह से निकट भविष्य में यहां आने वाली भीड़ को भी नियंत्रित करने का निर्णय लिया था। इस प्रोजेक्ट के ए, बी और सी ब्लॉक हैं। अंतररष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं वाले इस परिसर में एक साथ दस हजार के करीब लोगों के रूकने की व्यवस्था है। लंगर हॉल, म्यूजियम, दर्शन पर्ची काउंटर, प्रतीक्षालय, क्लॉक रूम, होटल, महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग-अलग डारमेट्री हाल, फूड जोन, दुकानें और प्रशासनिक कार्यालय इसी परिसर में हैं। इसके अलावा एयर कंडीशनर मेडिटेशन हॉल भी इसी परिसर में स्थापित किया गया है। कैंपस में फाउंटेन और बच्चों के मनोरंजन के लिए सुविधाएं हैं तो इसके अलावा चार सौ वाहनों को पार्क करने की भी सुविधा रहेगी। तीन सौ से ज्यादा शौचालय भी है लेकिन उपरोक्त कोई भी सुविधा अब तक श्रद्धालुओं को नहीं मिल पाई है और इन सुविधाओं को जुटाने में करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं।

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एडीबी व मंदिर न्यास ने उठाया खर्च

हिमाचल टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की देखरेख में बने भवन का खर्च संयुक्त रूप से एशियन डेवलपमेंट बैंक और मंदिर न्यास ने उठाया है। एडीबी ने कुल राशि का 63 फीसद और मंदिर न्यास ने 37 फीसद शेयर प्रोजेक्ट पर लगाया है। कुल 55 करोड़ में करीब 20 करोड़ रुपये मंदिर न्यास ने खर्च किए हैं। न्यास ने निजी पार्टी को संचालन का जिम्मा देने की लंबी जद्दोजहद भी की और एक ग्रुप सामने भी आया, लेकिन उस पार्टी को भी इस परिसर का ठेका नहीं दिया गया है, जबकि न्यास का इस परिसर को चलाने के लिए अब प्रतिमाह का खर्च एक लाख से ऊपर हो रहा है।

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निजी पार्टी को इस परिसर का संचालन को लेकर निजी पार्टी सामने आई थी। इस पार्टी की फाइल सरकार के पास भेजी गई है। मंजूरी मिलते ही संचालन शुरू हो जाएगा।

-आरके जसवाल, सहायक अभियंता, मंदिर न्यास, चिंतपूर्णी।


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