वीरान पड़ा 56 करोड़ का ड्रीम प्रोजेक्ट
चिंतपूर्णी मंदिर न्यास का ड्रीम प्रोजेक्ट स्वागत कक्ष व पार्किंग परिसर उद्घाटन के पौने दो साल बाद भी वीरान पड़ा है।
नीरज पराशर, चितपूर्णी
चिंतपूर्णी मंदिर न्यास का ड्रीम प्रोजेक्ट स्वागत कक्ष व पार्किंग परिसर उद्घाटन के पौने दो साल बाद भी वीरान पड़ा है। दिलचस्प यह है कि 56 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद भी न्यास को आमदनी की दूर की बात, हर महीने एक से डेढ़ लाख रुपये का खर्च उठाना पड़ रहा है।
जिन सुविधाओं को देने की बात इस परिसर से हुई थी, उस पर अमल नहीं हो पाया है। ऐसे में सवाल यही है कि क्या प्रोजेक्ट बनाते समय मंदिर प्रशासन या सरकार ने यह नहीं सोचा था कि इस परिसर को कैसे संचालित किया जाना है। हालांकि न्यास द्वारा छह माह पूर्व ही इसके संचालन के लिए आगे आई एक पार्टी की फाइल मंजूरी के लिए भेजी है लेकिन इतना अरसा बीत जाने के बाद भी इस संदर्भ में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सही मायनों में इस परिसर का न तो श्रद्धालुओं को कोई लाभ मिल पा रहा है और न ही न्यास को अतिरिक्त आमदनी हो रही है। सच यह है कि इस परिसर के रखरखाव, बिजली के बिल और अन्य मदों पर न्यास लाखों रुपये खर्च कर चुका है।
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लीज पर लेने के लिए एक पार्टी ने की थीं पूरी शर्ते
स्वागत कक्ष व पार्किंग परिसर को लीज पर लेने के लिए एक पार्टी ने तमाम शर्ते पूरी की थीं, जिसके तहत उक्त पार्टी ने न्यास को भी करीब दस लाख रुपये को देने थे। परिसर का रखरखाव व अन्य खर्च भी उक्त पार्टी ने ही उठाना था। अगर यह प्रोजेक्ट समय पर निजी हाथों में सौंप दिया गया होता तो मंदिर न्यास के लाखों रुपये खर्च नहीं होने थे और श्रद्धालुओं को भी अतिरिक्त सुविधाएं मिलना शुरू हो जानी थीं। पिछले सावन अष्टमी नवरात्र और चैत्र नवरात्र मेले में दर्शन पर्ची को छोड़ दिया जाए तो इसका लाभ न्यास को भी नहीं मिला है। न्यास ने कुछ कर्मचारी इस परिसर में नियुक्त किए हैं, जिससे मुख्य परिसर में भीड़ वाले दिनों में न्यास के स्टाफ पर काम का अतिरिक्त दबाव रहता है।
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ये सुविधाएं हैं परिसर में
इस प्रोजेक्ट के ए, बी और सी ब्लॉक हैं। अंतररष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं वाले इस परिसर में एक साथ 10 हजार के करीब लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। लंगर हॉल, म्यूजियम, दर्शन पर्ची काउंटर, प्रतीक्षालय, क्लॉक रूम, होटल, महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग-अलग डारमेट्री हॉल, फूड जोन, दुकानें और प्रशासनिक कार्यालय इसी परिसर में हैं। इसके अलावा एयर कंडीशनर मेडिटेशन हॉल भी इसी परिसर में स्थापित किया गया है। कैंपस में फाउंटेन और बच्चों के मनोरंजन के लिए सुविधाएं हैं। इसके अलावा चार सौ गाड़ियों को पार्क करने की भी सुविधा है। तीन सौ से ज्यादा शौचालय हैं।
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एडीबी और मंदिर न्यास के सौजन्य से हुआ है परिसर का निर्माण
हिमाचल टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की देखरेख में बने इस विशाल भवन का खर्च संयुक्त रूप से एशियन डेवलपमेंट बैंक और मंदिर न्यास ने उठाया है। एडीबी ने कुल राशि का 63 प्रतिशत और न्यास ने 37 फीसद शेयर प्रोजेक्ट पर लगाया है। कुल 55 करोड़ की राशि में लगभग 20 करोड़ रुपये मंदिर न्यास ने खर्च किए हैं, शेष राशि एडीबी द्वारा न्यास को ग्रांट के तौर पर दी गई है।
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परिसर को लीज पर देने के लिए फाइल मंजूरी के लिए प्रदेश सरकार के पास भेजी है। अनुमति मिलने के बाद परिसर का संचालन सही तरीके से शुरू हो जाएगा।
-आरके जसवाल, एसडीओ, मंदिर न्यास चिंतपूर्णी।
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