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20 हजार श्रद्धालुओं के आगे दम तोड़ गई व्यवस्था

उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थस्थल चितपूर्णी में रविवार को उमड़े आस्था के सैलाब के आगे व्यवस्था पस्त होकर रह गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 07:19 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 07:19 PM (IST)
20 हजार श्रद्धालुओं के आगे दम तोड़ गई व्यवस्था
20 हजार श्रद्धालुओं के आगे दम तोड़ गई व्यवस्था

संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थस्थल चितपूर्णी में रविवार को उमड़े आस्था के सैलाब के आगे व्यवस्था पस्त होकर रह गई। अवकाश का दिन होने के कारण धार्मिक नगरी में कहीं तिल धरने तक की जगह नहीं बची थी लेकिन व्यवस्था की कमी के चलते मां के दर आए भक्तों को बेहद परेशान होना पड़ा। 20 हजार भक्तों की भीड़ के आगे एक बार फिर व्यवस्था बौनी होती नजर आई। हजारों श्रद्धालु मां के दर्शन करने के लिए घंटों लाइन में लगे हुए थे, वहीं कथित वीआइपी श्रद्धालु मंदिर के लिफ्ट वाले रास्ते से चंद मिनट में ही मंदिर परिसर में पहुंच रहे थे। इस प्रकरण की डीसी ऊना व मंदिर आयुक्त ने जांच के आदेश दिए हैं।

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चितपूर्णी में शनिवार रात से ही व्यवस्था दांव पर लगनी शुरू हो गई थी। जब तलवाड़ा बाईपास और शंभू बाईपास क्षेत्र में बाहर से आने वाले वाहनों के चालकों ने सड़क के किनारे ही वाहन खड़े करने शुरू कर दिए। ऐसे में निकटवर्ती गांवों के लोगों को भी बाईपास में ट्रैफिक जाम से परेशान होना पड़ा। श्रद्धालुओं की लाइन भी लंबी खिच जाने के कारण विशेषकर बच्चों व महिलाओं को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा। मां के दर्शन के लिए लगी श्रद्धालुओं की लाइनें पुराने बस अड्डे को भी पार कर गई।

वहीं मंदिर के लिफ्ट वाले रास्ते से रविवार को बैक डोर एंट्री भी हुई, जिससे पंक्ति व्यवस्था भी प्रभावित हुई। इस दौरान मंदिर प्रशासन मूकदर्शक बनकर तमाशा देखता रहा। तैनात सुरक्षा कर्मी भी बैकडोर एंट्री को लेकर भी संवेदनहीन बने रहे। मंदिर के वापसी द्वार पर भी अव्यवस्था का आलम रहा। दीगर बात यह भी है कि इन जगहों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं लेकिन किसी ने भी व्यवस्था को सुधारने का प्रयास नहीं किया। ऐसे में लाइनों में लगे श्रद्धालु प्रशासन को कोसते नजर आए।

इसके अलावा पीने के पानी की भी दिक्कत से लोगों को दो-चार होना पड़ा। शंभू बाईपास पर बेतरतीब खड़े वाहनों के कारण विभिन्न रूटों पर जाने वाली बसों की समयसारिणी प्रभावित हुई।

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श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए न्यास ने अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति की थी। लिफ्ट वाले रास्ते से सिर्फ वीआइपी श्रद्धालुओं को ही भेजा गया था। सुबह को छोड़ पूरा दिन पंक्ति व्यवस्था भी सही रूप से चलती रही।

जीवन कुमार, मंदिर अधिकारी, चिंतपूर्णी।

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चोर दरवाजों से श्रद्धालुओं के प्रवेश को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज मांगी गई है। सुरक्षा कर्मियों ने चूक की होगी, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

राकेश प्रजापति, मंदिर आयुक्त, चिंतपूर्णी।


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