चिंतपूर्णी में रौनक बरकरार, पहुंचे पचास हजार श्रद्धालु
धार्मिक नगरी चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओं का आंकड़ा 50 हजार से ज्यादा रहा है जो इस ऑफ सीजन में किसी रिकॉर्ड से कम नहीं है।
चिंतपूर्णी, जेएनएन। ऑफ सीजन होने के बावजूद भी धार्मिक नगरी चिंतपूर्णी में रौनक बरकरार है। पिछले एक पखवाड़े में यहां आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 50 हजार से ज्यादा रहा है, जो इस ऑफ सीजन में किसी रिकॉर्ड से कम नहीं है। यातायात साधनों में बढ़ोतरी, रहने व खाने-पीने के उचित विकल्प और व्यवस्था में निरंतर आ रहे सुधार का ही परिणाम है कि चिंतपूर्णी प्रमुख धार्मिक व पर्यटन स्थल के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने लगा है। हालांकि अपेक्षित भीड़ इन दिनों नहीं उमड़ पा रही है, बावजूद नगरी में अब पहले जैसा सूनापन नहीं देखा जाता।
गौरतलब है कि दिसंबर से मार्च तक इस धार्मिक नगरी में श्रद्धालुओं की संख्या में औसत गिरावट दर्ज होती रही है, लेकिन हाल के वर्षो में हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं। आम दिनों में भी श्रद्धालुओं की संख्या का आंकड़ा दस हजार के करीब रह रहा है। अब होटलों में भी ओक्यूपेंसी रेट 20 से 30 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं मेले के बाद जो अस्थायी दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर देते हैं, को भी ऑफ सीजन का व्यापार खूब भाया है। मंदिर ट्रस्टी व नारी पंचायत के प्रधान विजय ठाकुर, स्थानीय होटल एसोसिएशन के प्रधान संजीव शर्मा और व्यापार मंडल के वरिष्ठ सदस्य कुंदन गर्ग का कहना है कि चिंतपूर्णी अब पर्यटन हब के रूप में विकसित हो रहा है। अब यहां ठहरने व खाने-पीने के बेहतर विकल्प मौजूद हैं। वहीं चिंतपूर्णी मंदिर न्यास ने भी अपनी कार्यप्रणाली में काफी सुधार किया है। अब मंदिर को श्रद्धालुओं की सुविधानुसार ही खोला जाता है। इस कारण श्रद्धालुओं का समय बचता है और दर्शन के बाद वे मनोरंजन का विकल्प तलाश लेते हैं।
मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं की संख्या के हिसाब से ही खोले व बंद किए जाते हैं। यह भी एक कारण है कि श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि दर्ज हो रही है।
जीवन कुमार, मंदिर अधिकारी