चिंतपूर्णी में श्रद्धालु घटे, चढ़ावा बढ़ा
मां छिन्नमस्तिका धाम चितपूर्णी में चैत्र नवरात्र मेला शांतिपूर्वक रूप स
संवाद सहयोगी, चिंतपूर्णी : मां छिन्नमस्तिका धाम चितपूर्णी में चैत्र नवरात्र मेला शांतिपूर्वक रूप से संपन्न हो गया। इस मेले में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या में कमी दर्ज की गई, लेकिन चढ़ावे में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज हुई। विभिन्न राज्यों से करीब 1.40 लाख श्रद्धालुओं ने उपस्थिति दर्ज करवाई। यह संख्या पिछले मेले में 1.60 लाख थी। मंदिर का चढ़ावा 95 लाख रुपये से ऊपर पहुंच गया, जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले 32 लाख रुपये ज्यादा रहा।
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मेले में इस बार 95,63,671 रुपये का चढ़ावा चढ़ा, जबकि पिछले वर्ष इन्हीं नवरात्र में चढ़ावा 63,15,242 रुपये था। इस बार चढ़ावे में 32,48,429 रुपये का उछाल आया है। हालांकि इस वर्ष मेला नौ दिन का था, जबकि पिछले साल यही मेला आठ दिन का रहा था। श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में 101.20 ग्राम सोना और पांच किलोग्राम 245 ग्राम चांदी के आभूषण अर्पित किए। पिछले वर्ष 136 ग्राम सोना और आठ किलोग्राम 41 ग्राम चांदी दरबार में चढ़ाई थी। वहीं, यूएसए, इंग्लैंड, कनाडा, यूरो, ऑस्ट्रेलिया, सिगापुर और यूएई जैसे देशों के कुल 3706 नोट चढ़े हैं।
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इस बार वीआइपी की भी नहीं चली
मेला प्रशासन ने चैत्र नवरात्र मेले में सराहनीय भूमिका निभाई और बैकडोर एंट्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध देखने को मिला। वीआइपी लोगों को भी इस बार मां के दर्शनों के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ा। प्रशासन ने किसी से भी कोई लिहाज नहीं बरती। सप्तमी वाले दिन को छोड़ दिया जाए तो मेले में पंक्ति व्यवस्था बिना किसी व्यवधान के चलती रही और कुल मिलाकर पर्ची सिस्टम भी कामयाब रहा। हालांकि मेला प्रशासन का स्टाफ इस बार नया था। विशेष रूप से मंदिर अधिकारी प्रेम लाल शर्मा दिन-रात मेला क्षेत्र में डटे रहे। भिखारियों, सफाई व पेयजल व्यवस्था और ओवरलोडिग वाहनों के खिलाफ प्रशासन की ढीली मुहिम से बेशक व्यवस्था दाव पर लगती हुई दिखी, लेकिन श्रद्धालुओं की जेबें कटने का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया। भीड़ प्रबंधन प्लान भी कामयाब रहा। उधर, धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधकों ने भी श्रद्धालुओं की आवभगत में कोई कसर नहीं छोड़ी। मेला अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि मेले के सफल आयोजन में पूरी टीम भागीदार है, जिन्होंने दिन-रात लग्न व मेहनत से कार्य किया।