बर्ड फ्लू को लेकर चिंतपूर्णी क्षेत्र के लोग भी सतर्क
पौंग बांध में बर्ड फ्लू फैलने का प्रभाव चितपूर्णी क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है।
संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : पौंग बांध में बर्ड फ्लू फैलने का प्रभाव चितपूर्णी क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है। स्थानीय लोग भी इसे लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं। हालांकि चिकन की दुकानों पर मांस व अंडे उपलब्ध तो हैं लेकिन इनकी बिक्री में भारी गिरावट दर्ज हुई है। स्वास्थ्य विभाग का भी कहना है कि बर्ड फ्लू की आहट से फिलहाल चिकन व अंडे खाने से परहेज करना चाहिए।
दरअसल, चितपूर्णी क्षेत्र को बर्ड फ्लू की दृष्टि से इसलिए भी संवेदनशील कहा जा सकता है क्योंकि इस क्षेत्र की सीमा जिला कांगड़ा के साथ लगती है और इस क्षेत्र में मछली के मांस की आपूर्ति पौंग बांध क्षेत्र से ही होती है। हालांकि अब सप्लाई पूरी तरह से बंद है और यहां मछली भी नहीं बेची जा रही है। लेकिन चिकन व अंडे के शौकीन भी इन खाद्य पदार्थो से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में इस व्यवसाय से जुड़े दुकानदार बेहद परेशान हैं। विशेष रूप से पोल्ट्री फार्म व्यवसाय से जुड़े लोग भी बर्ड फ्लू के कारण सकते में आ गए हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण जब शुरू हुआ तो तब भी उनका व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ था।
20 रुपये का अंडा दस में भी नहीं खरीद रहे लोग
धर्मसाल महंता में मुर्गी पालन व्यवसाय करने वाले माधवेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने देसी मुर्गियां रखी हुई हैं। पहले मुर्गी का अंडा बीस रुपये में बिक रहा था, लेकिन अब दस रुपये में भी लोग नहीं खरीद रहे हैं। गंगूनाला में चिकन का व्यवसाय करने वाले मुकेश कहते हैं कि पहले तैयार किया हुआ चिकन वह दुकान पर प्रति किलोग्राम चार सौ रुपये में बेचते थे, लेकिन अब तीन सौ रुपये में भी ग्राहक नहीं खरीद रहे हैं। बर्ड फ्लू का प्रकोप फैलता है तो रेट और भी कम हो सक हैं।
उधर, खंड चिकित्सा अधिकारी डा. राजीव गर्ग ने बताया कि फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई दिशानिर्देश जिला में जारी नहीं हुए हैं। बावजूद इसके बर्ड फ्लू के खतरे को ध्यान में रखते हुए मांस व अंडे के सेवन से बचना ही चाहिए।