स्वागत कक्ष परिसर में शिफ्ट नहीं होगा सिविल अस्पताल
एशियन डेवलपमेंट बैंक व मंदिर न्यास के सौजन्य से बने स्वागत कक्ष परिसर में स्थानीय सिविल अस्पताल को शिफ्ट करने के प्रयासों को झटका लगा है।
संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : एशियन डेवलपमेंट बैंक व मंदिर न्यास के सौजन्य से बने स्वागत कक्ष परिसर में स्थानीय सिविल अस्पताल को शिफ्ट करने के प्रयासों को झटका लगा है। हालांकि इसे लेकर पूर्व में स्थानीय लोगों के अनुरोध पर विधायक बलवीर चौधरी ने कवायद शुरू की थी, लेकिन ताजा कड़ी में एशियन डेवलमेंट बैंक द्वारा तय की गई शर्ते व दिशा-निर्देश आड़े आ रहे हैं, जिससे अस्पताल को इस परिसर में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। ऐसे में अब अस्पताल कहां और कैसे शिफ्ट होगा, इस पर फिर से संशय बन गया है।
दरअसल वर्तमान में जिस जगह पर स्थानीय सिविल अस्पताल का भवन है, वहां पर भीड़ वाले दिनों में आम जनता का पहुंचना मुश्किल हो जाता है। चितपूर्णी में वर्ष में तीन बार मेले का आयोजन होता है। शनिवार, रविवार और संक्रांति के दिनों सहित गर्मी के मौसम में भी मुख्य बाजार में श्रद्धालुओं की लाइनें लगनी आम बात हो गई है। कई बार 108 एंबुलेंस भी बाजार में फंस जाती है।
पूर्व में दो ऐसे हादसे भी हो चुके हैं, जिससे अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे दो मरीज जाम में फंसने के कारण अपनी जान गंवा बैठे। ऐसे में अस्पताल के भवन को शिफ्ट करने की मांग स्थानीय वासियों द्वारा लंबे समय से की जाती रही है। इसे लेकर पूर्व में चितपूर्णी के नए बस अड्डे के समीप बने स्वागत कक्ष परिसर में इस अस्पताल को शिफ्ट करने की मांग उठी थी और आम सहमति बनती भी दिखी थी कि इसी परिसर से अस्पताल का संचालन किया जाए। इससे पहले कि अस्पताल को शिफ्ट करने का रास्ता साफ हो पाता, एडीबी की शर्ते आड़े आ गई।
बताया जा रहा है कि एशियन डेवपलमेंट बैंक ने जिस उद्देश्य के लिए धनराशि मुहैया करवाई होती है, उस प्रोजेक्ट या परिसर में वही गतिविधियां संचालित हो सकती हैं। इस परिसर के लिए एडीबी ने 63 फीसद खर्च उठाया है। ऐसे में एडीबी द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
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उक्त परिसर में अब अस्पताल शिफ्ट नहीं होगा। चितपूर्णी में अस्पताल के भवन को बदलना समय की मांग है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन को आसपास के क्षेत्र में जमीन देखने को कहा गया है। उसके बाद अस्पताल के भवन को शिफ्ट कर दिया जाएगा।
बलवीर चौधरी, विधायक, चिंतपूर्णी।