नहीं हुए बैक डोर एंट्री, 18 हजार श्रद्धालुओं ने टेका माथा
चितपूर्णी मंदिर में रविवार को पंक्ति व्यवस्था बिना किसी बाधा के चलती रही और बैक डोर एंट्री भी नहीं हुई जिसके चलते मां के दर्शन के लिए लाइनों में लगे भक्तों को अपनी बारी के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ा।
संवाद सहयोगी, चिंतपूर्णी : चितपूर्णी मंदिर में रविवार को पंक्ति व्यवस्था बिना किसी बाधा के चलती रही और बैक डोर एंट्री भी नहीं हुई, जिसके चलते मां के दर्शन के लिए लाइनों में लगे भक्तों को अपनी बारी के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ा। रविवार को करीब आठ हजार श्रद्धालुओं ने मंदिर में माथा टेका।
मां के दरबार में सुबह से भीड़ उमड़ना शुरू हो गई थीं। दिन चढ़ने के साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या में भी वृद्धि दर्ज होने लगी और दोपहर तक भक्तों की लाइनें पुराने बस अड्डे को पार कर गई थीं। सुरक्षा कर्मचारियों विशेष रूप से होमगार्ड ने मुस्तैदी से ड्यूटी निभाई और बैक डोर एंट्री पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगा रहा।
बैक डोर एंट्री और दरबार में भीड़ बढ़ने के साथ फैल रही अव्यवस्था को लेकर मंदिर की सह आयुक्त एवं एसडीएम अम्ब एस तारूल रबिश ने भी कड़ा संज्ञान लिया और उन्होंने शनिवार शाम को लिफ्ट के पास तैनात सुरक्षा कर्मचारियों को ड्यूटी में कोताही बरतने पर लताड़ भी लगाई थी। उन्होंने चितपूर्णी मंदिर में व्यवस्था को बनाए रखने के लिए दिशा-निर्देश दिए थे। दैनिक जागरण ने भी इस मुद्दे को लेकर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए थे और बताया था कि चोर दरवाजों से मंदिर में प्रवेश करने वाले कुछ लोगों की वजह से किस तरह श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं होमगार्डज के प्लाटून कमांडर ने बताया कि रविवार को पर्ची सिस्टम से ही श्रद्धालुओं को मां के दरबार में भेजा गया।
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तलवाड़ा बाईपास पर फिर लगता रहा जाम
रविवार को एक बार फिर मंदिर के समीप तलवाड़ा बाईपास पर रूक-रूक कर ट्रैफिक जाम लगता रहा। कुछ श्रद्धालुओं ने बेतरतीब वाहन खड़े कर दिए थे तो इसी बाईपास पर गाड़ी ले जाने की होड़ से भी ट्रैफिक अव्यवस्थित रहा। इस वजह से रूट की बसों सहित स्थानीय लोगों को भी परेशानी पेश आई।