आग लगाने वाले की दें जानकारी, गुप्त रखी जाएगी पहचान
जंगलों को आग बचाने के लिए वन विभाग ग्रामीणों को जागरूक कर रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को ग्राम पंचायत धर्मसाल महंता (खास) में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। विभाग के डिप्टी रेंजर मोहम्मद अली ने कहा कि यह आम धारणा है कि घासनियों में आग लगाने के बाद घास की पैदावार अच्छी होती है। ऐसी धारणा बिल्कुल गलत है
संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग ग्रामीणों को जागरूक कर रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को पंचायत धर्मसाल महंता (खास) में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। डिप्टी रेंजर मोहम्मद अली ने कहा कि यह आम धारणा है कि घासनियों में आग लगाने के बाद घास की पैदावार अच्छी होती है। ऐसी धारणा गलत है क्योंकि आग लगने के बाद जमीन की जैविक क्षमता नष्ट हो जाती है। तापमान बढ़ने से जमीन की नमी भी कम हो जाती है। घासनियों में आग लगने से कई जीव-जंतु भी मौत का शिकार हो जाते हैं। वन परिक्षेत्र अधिकारी की अनुमति के बिना अगर कोई व्यक्ति घासनी में आग लगाता है तो उसको पांच हजार रुपये प्रति कनाल के हिसाब से जुर्माना किया जाएगा। अगर घासनी की आग जंगल तक पहुंचती है तो जमीन मालिक के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाएगा। इस अपराध में वन अधिनियम के तहत तीन से पांच साल की सजा का प्रावधान है।
वनरक्षक उधम सिंह ने कहा कि अगर जंगल में आग लगती है तो ग्रामीणों को इसकी सूचना तुरंत वन विभाग को देनी चाहिए और आग बुझाने में विभाग का सहयोग करना चाहिए। ग्रामीणों को जंगल या घासनी में आग लगाने वाले व्यक्ति के बारे में विभाग को सूचना देनी चाहिए। ऐसे ग्रामीणों का नाम व पता गुप्त रखा जाएगा। इस अवसर पर पंचायत प्रधान गुरमीत कौर ने कहा पिछले वर्ष भी पंचायत में आगजनी की घटनाओं से काफी नुकसान हुआ था। उन्होंने जनता से अपील कि है वे वनों को आग से बचाएं। कार्यक्रम में वनरक्षक राजेश कुमार, महिद्र सिंह व अन्य मौजूद रहे।
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