लाखों का कारोबारी बना भिखारी, पढ़ें एक युवक की राजा से रंक बनने की कहानी
ऊना में एक युवक कभी लाखों के कारोबार का मालिक अब भीख मांग कर गुजारा कर रहा है जानें कैसेट नशे के दलदल ने उसकी ये स्थिति कर दी।
ऊना, राजेश शर्मा। नशा तो नशा है भाई, यह अमीर-गरीब नहीं देखता, जो इसके चंगुल में फंस गया, समझो बर्बाद हो गया। नशे की दलदल में धंसकर राजा से रंक बनने में जरा सी देर भी नहीं लगती है। अगर यकीन न हो तो पढ़िए इस युवक की कहानी...। ऊना में एक युवक कभी लाखों के कारोबार का मालिक था, अब वह हर जगह भीख मांग रहा है। कभी ऊना अस्पताल के बाहर तो कभी बस अड्डे में भीख मांगता है। कभी यह युवक दुकान का मालिक होता था।
पिता का कारोबार संभाल रहा था। कीमती गाड़ियां रखी हुई थीं। नशे के सौदागरों के चंगुल में फंसे इस युवक के पास अब दो जून की रोटी के लाले पड़ गए हैं। नशे की ऐसी लत लगी कि अब चिट्टे का नशा करने के लिए यह कुछ भी करने को तैयार है। बड़ी चालाकी से इसका पूरा कारोबार उनके अपनों ने ही हथिया लिया है। पिता का साया भी सिर से उठ चुका है। परिवार में अपने हिस्से का सबकुछ नीलाम हो चुका है। युवक स्नातक तक पढ़ा था।
इससे पहले उसकी जमा दो तक की शिक्षा भी शहर के नामी स्कूल में हुई। ऊना जिला मुख्यालय से संबंधित यह युवक करीब चार साल पहले नशे के चंगुल में फंस गया। शुरू में उसे चरस का नशा मिलने लगा। पैसा होने के कारण उसे कुछ सौदागरों ने चिट्टे के नशे की लत लगा दी। चंद सालों में जो कामयाबी के शिखर पर था अब बर्बादी के समुद्र में डूब चुका है।
परिजनों को चाहिए कि अपने बच्चों को समय-समय पर नशे के दुष्प्रभाव के बारे में बताएं। ऐसे उदाहरणों का भी जिक्र करें। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी वैधानिक चेतावनियों का घर व आस-पड़ोस में प्रचार करें।
-डॉ. निखिल शर्मा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ चिकित्सक
सब लोगों को अपने बच्चों की प्रत्येक गतिविधि पर ध्यान रखना चाहिए। बच्चे के बोलचाल अथवा नियमित व्यवहार में परिवर्तन आता देख तुरंत उससे बातचीत करके परखें। कोई शंका होने पर विशेषज्ञ चिकित्सक का परामर्श दिलवाएं। महज नशा मुक्ति अथवा नशा निवारण केंद्रों पर ही आश्रित न रहें।
-डॉ. पीएस राणा, ऊना।
मुस्लिम युवकों ने कायम की मिसाल, वैदिक रीति से हिंदू अंकल का किया अंतिम संस्कार
इस बार पहले से अधिक भव्य होगा कुल्लू दशहरा, तैयारियां शुरु; 331 देवताओं को भेजे गये निमंत्रण