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सीईटीपी के सैंपल फेल, एक करोड़ का जुर्माना

औद्योगिक क्षेत्र बददी बरोटीवाला नालागढ़ के उद्योगों का रासायनिक कचरा साफ करने वाले सीईटीपी के सैंपल फेल हो गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 08:07 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:33 AM (IST)
सीईटीपी के सैंपल फेल, एक करोड़ का जुर्माना
सीईटीपी के सैंपल फेल, एक करोड़ का जुर्माना

संवाद सूत्र, बद्दी : औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ के उद्योगों से निकलने वाले रासायनिक कचरे को साफ करने वाले सामूहिक दूषित जल संशोधन संयंत्र (सीईटीपी) के सैंपल फेल हो गए हैं। इस लापरवाही पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सीईटीपी चलाने वाले प्रबंधन पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के मलपुर स्थित केंदूवाल में इस प्लांट को करोड़ों रुपये खर्च कर स्थापित किया गया है, लेकिन यह शुरू से ही विवादित रहा है। अब इससे ट्रीट होकर निकलने वाले पानी के सैंपल फेल होने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की निगरानी कमेटी ने इस प्लांट से निकलने वाले पानी के सैंपल लिए थे, जो मानकों को पूरा करने में विफल रहे हैं।

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केंदूवाल स्थित सीईटीपी प्लांट में 25 मिलियन लीटर पानी ट्रीट हो सकता है लेकिन मौजूद समय में यहां मात्र 16.78 मिलियन लीटर पानी ट्रीट होता है। इस प्लांट में बद्दी के 435 उद्योगों का पानी टैंकरों के माध्यम से पहुंचाया जाता है। प्लांट से ट्रीटमेंट के बाद जो पानी सरसा नदी में डाला जाता है वह सही नहीं पाया गया। पानी में ऐसे पदार्थ मिले हैं जो मानव जीवन के लिए ठीक नहीं हैं। नदी के पानी की गुणवत्ता को ट्रीटमेंट का पानी कम कर रहा था।

गौर रहे कि केंद्र सरकार ने 58 करोड़ रुपये की लागत से यहां पर यह ट्रीटमेंट प्लांट लगाया है। उस समय शुद्ध पानी देने का दावा किया था, लेकिन यह खोखला साबित हुआ है। अधिकांश उद्योग अभी तक इस प्लांट से नहीं जुड़ पाए हैं। अभी भी पानी टैंकरों से लाया जा रहा है।

वहीं ट्रीटमेंट प्लांट के सीईओ अशोक शर्मा का कहना है कि संचालकों ने एक और प्लांट लगाने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है। एक ही प्लांट होने से पानी की गुणवत्ता सही नहीं हो रही है।

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प्लांट से निकलने वाले पानी का सैंपल एनजीटी की निगरानी कमेटी ने लिया था जो मानकों पर सही नहीं उतरा है। इस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। बोर्ड ने नालागढ़ अदालत के समक्ष जल अधिनियम और वायु अधिनियम के उल्लंघन करने के लिए संयंत्र प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करने की मंजूरी दी है।

अदित्य नेगी, सदस्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड


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