Move to Jagran APP

सेब की सड़ांध से सुर्खियों में औद्योगिक क्षेत्र

स्वच्छ परवाणू मुहिम के नाम पर सुर्खियां बटोरने वाले प्रशासन व स्वयं सेवी संस्थाओं की असल तस्वीरें इन दिनों स्थानीय लोग सोशल मीडिया बतौर खिल्ली चला रहे हैं। यहां इन दिनों सेब सीजन के चलते समस्त परवाणू क्षेत्र का कचरा घर बनाया हुआ है लेकिन न तो प्रशासन ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है और न ही स्वयं सेवी संस्थाएं आगे आ रही हैं। इतना ही नहीं परवाणू औद्योगिक क्षेत्र में स्वयं राज्यपाल भी स्वच्छता के लिए अभियान चला चुके हैं लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसके अलावा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी कई बार प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सफाई के लिए कोसा है लेकिन गंदगी दिनोंदिन बढती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 03:32 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 06:45 AM (IST)
सेब की सड़ांध से सुर्खियों में औद्योगिक क्षेत्र
सेब की सड़ांध से सुर्खियों में औद्योगिक क्षेत्र

मनमोहन संधु, परवाणू

loksabha election banner

स्वच्छ परवाणू मुहिम के नाम पर सुर्खियां बटोरने वाले प्रशासन व स्वयंसेवी संस्थाओं की असल तस्वीरें इन दिनों स्थानीय लोग सोशल मीडिया बतौर खिल्ली चला रहे हैं। यहां इन दिनों सेब सीजन के चलते समस्त परवाणू क्षेत्र कचरा घर बना हुआ है लेकिन न तो प्रशासन और न ही स्वयंसेवी संस्थाएं आगे आ रही हैं। परवाणू औद्योगिक क्षेत्र में स्वयं राज्यपाल भी स्वच्छता के लिए अभियान चला चुके हैं, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसके अलावा एनजीटी ने भी कई बार प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सफाई के लिए कोसा है, लेकिन गंदगी दिनोदिन बढ़ती जा रही है।

एनजीटी के कड़े आदेशों से बचने के लिए कुछ संस्थाएं और अधिकारी ड्रामा रचने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया ने सारी पोल खोल दी है। नगर परिषद परवाणू के दावे भी इन तस्वीरों में फीके नजर आ रहे हैं। एक ओर नगर परिषद परवाणू शहर को डस्टबिन फ्री करने के दावे करती है, तो वहीं दूसरी ओर परवाणू में गंदगी को लेकर परवाणू नगर परिषद के पास न तो कोई ठोस योजना है और न कोई इंतजाम हैं। रही बात प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तो वह मात्र चालान व जुर्माना लगाने तक ही सीमित है।

--------------

क्या कहते हैं लोग

लोगों का कहना है कि प्रशासन, नगर परिषद और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को गंदगी फैलाने वाले व्यक्तियों की जानकारी और गंदे स्पॉट की जानकारी भेजी जाती है, लेकिन उस पर कोई उचित कार्रवाई अम्ल में नहीं लाई जाती।

--------------

सभी झाड़ रहे पल्ला

परवाणू प्रशासन सेब सीजन शुरू होने पर अस्थायी सुविधाएं देकर मंडी से मुनाफा कमाने तक ही सीमित नजर आता है। शहर में जगह जगह गले सड़े सेबों की सफाई के लिए नगर परिषद प्रयासरत तो अवश्य है, लेकिन उनका मानना है कि मंडी पंचायत की जगह में है और शहर में सेबों की गंदगी के लिए भी पंचायत ही जिम्मेदार होनी चाहिए। वहीं दूसरी ओर पंचायत इसे मार्केट कमेटी का काम बताकर पल्ला झाड़ लेती है। इस मामले को लेकर लोगों ने मंत्री को भी शिकायत पत्र के माध्यम से जानकारी दी, लेकिन वहां भी उन्हें मात्र आश्वासन प्राप्त हुआ है।

---------------

क्या कहते हैं अधिकारी

नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी सुधीर शर्मा ने बताया कि शहर में गले सड़े सेबों से फैल रही गंदगी को नगर परिषद द्वारा उठाया जा रहा है। इस मामले को लेकर एक संयुक्त बैठक की गई थी। सेक्टर पांच व तीन में गश्त बढ़ाने की बात की गई है। हालांकि डंपिग के लिए साइट उपलब्ध नहीं होने के कारण यह समस्या सामने आ रही है। जल्द ही इसका समाधान निकाल दिया जाएगा।

---------------

डंपिग के लिए उपयुक्त स्थान न होने के चलते यह समस्या आ रही है। इस समस्या पर मैंने उपायुक्त से भी चर्चा की है तथा डंपिग साइट के लिए पंचायत व हिमुडा से भी बातचीत चल रही है। जल्द ही इसका हल किया जाएगा।

-विक्रम सिंह नेगी, सहायक आयुक्त।

----------------

पंचायत की ओर से मार्केट कमेटी को एनओसी दी गई है व मंडी में होने वाले व्यापार व देखरेख की जिम्मेदारी मार्केट कमेटी की है। प्रदूषण विभाग की ओर से अधिशाषी अभियंता श्रवण कुमार ने कहा क िप्रदूषण विभाग के पास सेबों के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है।

-पवन ठाकुर, सचिव टकसाल पंचायत।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.