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बिना सरकारी मदद बजाया विश्व में डंका

थाई बॉक्सिग में पहली बार किसी भारतीय खिलाडी ने विश्व के टॉप आठ खिलाडियों में पहुंच कर जहां भारत का नाम रोशन किया है वहीं भारत को पहली बार मेल राईजिग स्टार अवार्ड भी प्राप्त हुआ है। हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बददी के निकट एक छोटे से गांव मंधाला के रहने वाले युवा खिलाडी ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए यह कारनामा कर दिखाया है और वह भारत के पहले खिलाडी भी बने हैं। यूएसए में होने वाली व‌र्ल्ड गेम 2021 के क्वालीफाई के लिए आस्ट्रेलिया के डरबिन सिटी में यह राऊंड रखा गया था। इसमें 55 देशों के लगभग 1500 खिलाडियों ने भाग लिया और अपने जौहर दिखाए। भारत की ओर हिमाचल प्रदेश पुलिस के निलं

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 May 2019 07:29 PM (IST)Updated: Tue, 07 May 2019 07:29 PM (IST)
बिना सरकारी मदद बजाया विश्व में डंका
बिना सरकारी मदद बजाया विश्व में डंका

रणेश राणा, बद्दी

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थाई बॉक्सिग में पहली बार किसी भारतीय खिलाड़ी ने विश्व के टॉप आठ खिलाडियों में पहुंच कर जहां भारत का नाम रोशन किया है, वहीं भारत को पहली बार मेल राइजिग स्टार अवार्ड भी मिला। बिना किसी सरकारी मदद के बरोटीवाला के छोटे से गांव मंधाला के रहने वाले युवा खिलाड़ी अनिल मेहता ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए यह कारनामा कर दिखाया। यूएसए में होने वाली व‌र्ल्ड गेम 2021 के क्वालीफाई के लिए आस्ट्रेलिया के डरबिन सिटी में यह राउंड रखा गया था। इसमें 55 देशों के 1500 खिलाड़ियों ने भाग लिया और अपने जौहर दिखाए। भारत की ओर से हिमाचल पुलिस के निलंबित जवान अनिल मेहता ने इस विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इस दौरान उनकी फाइट चीन के खिलाडियों के साथ कांस्ट पदक के लिए जंग हुई जिसमें वह मात्र एक अंक 28-29 से हार गए। हार के बावजूद अनिल मैहता की कठिन मेहनत, खेल के प्रति समर्पण देखते हुए इंटरनेशनल फैडरेशन एमचयोर के आयोजकों ने भारत के इस प्रतिभावान खिलाडी अनिल मैहता को मेल राइजिग स्टार अवार्ड से विभूषित किया है। विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेकर इतना बडा अवार्ड जीतने वाल युवा खिलाड़ी अनिल मेहता भारत के पहले खिलाडी बन गए हैं।

2021 में होगा व‌र्ल्ड गेम

अनिल की नजर अब 2021 में यूएसए में होने वाली व‌र्ल्ड गेम प्रतियोगिता पर है। अगर वह यह गेम जीत जाता है तो पूरी दुनिया में भारत का डंका खूब बजेगा। जब अनिल मेहता भारत के लिए लड रहा था तो वहां पर भारत की ओर से कोई कोच नहीं था। अनिल ने बताया कि उसे पीएमओ से रिप्लाई आ गया, लेकिन खेल मंत्री से किसी भी पत्र का जवाब नहीं आया। वहां पर विदेशी कोच सिगापुर व कजाकिस्तान के कोचों से काम चलाना पड़ा।

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