न्यू पेंशन स्कीम के खिलाफ सोलन में गरजे राजन सुशांत, पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने की मांग
रदेश में न्यू पेंशन स्कीम के खिलाफ अपनी आवाज मुखर कर रहे थर्ड फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने आज सोलन के मिनी सचिवालय में पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए करीब दो घंटे तक शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन किया। पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की मांग की।
सोलन, जेएनएन। प्रदेश में न्यू पेंशन स्कीम के खिलाफ अपनी आवाज मुखर कर रहे थर्ड फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने आज सोलन के मिनी सचिवालय में पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए करीब दो घंटे तक शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन किया। इसकी अगुवाई थर्ड फ्रंट के नेता व पूर्व संसद सदस्य राजन सुशांत ने की। इस दौरान दर्जनों कार्यकर्ता शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मिनी सचिवालय में बैठे रहे। हिमाचल में क्षेत्रीय दल के गठन की ताल ठोक चुके राजन सुशांत ने कर्मचारियों के लिए 2003 के बाद शुरू की गई नई पेंशन स्कीम को बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की मांग की।
उन्होंने कहा है कि जब मजदूरों, कर्मचारियों, दुकानदारों, बागवानों, किसानों व विस्थापितों के हितों की बात आती है तो सरकार आर्थिक हालात का रोना रोती है, जबकि विधायकों-सांसदों के वतेन भत्ते दो लाख से भी अधिक है। हर साल सैलरी बढ़ाने को लेकर दो मिनट में विस में दोनों दल प्रस्ताव पास कर देते हैं, लेकिन आम जनता की बारी में खजाना खाली हो जाता है।
कोरोना काल में मुख्यमंत्री व मंत्री फिजूल खर्ची बंद करें, अन्यथा जनता को लामबंद करके सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ा जाएगा। सड़कों की हालत दयनीय है, लेकिन सीएम हेलीकॉप्टर में हवाई मार्ग से ही घूमते है। एनपीएस कर्मचारियों को मनरेगा से भी कम दैनिक पेंशन मिल रही है। उन्होंने एक लाख कर्मचारियों से अपील करते हुए कहा कि अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करो, तभी उन्हें न्याय मिलेगा। उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि आपने जेएंडके से धारा 370 खत्म करके पूरे देश में एक कानून लागू करवाया है, तो उसी तरह 2003 से बाद बनने वाले एमपी व विधायकों को भी एनपीएस के तहत पेंशन मिले।
उन्होंने कहा कि वह 1983 से विधायक बनते आ रहे हैं और वह एनपीएस के तहत नहीं आते हैं, लेकिन फिर भी वह अपनी पेंशन तब तक नही लेंगे जब तक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाती है। इस दौरान संजय हिंदवान, रवनीत सिंह कश्यप, डॉ. कौंडल आदि दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे।