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एक छत के नीचे पश्चिमी हिमालय की प्राणी संपदा

भारत के पश्चिमी हिमालय में पाई जाने वाले प्राणी संपदा की प्रजातियों को सोलन में एक ही छत तले देखा सकेगा। सोलन में उत्तरी भारत की पहली हिमालयन डिपोजटरी (भंडार) का तीन मंजिला भवन बनकर तैयार हो गया है। इसी माह इसका उद्घाटन होने की योजना है व उसके बाद यह वैज्ञानिकों के लिए शुरू हो जाएगा। इसमें वैज्ञानिकों द्वारा शोध कार्य व हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाली जीव जंतुओं के संरक्षण का कार्य शुरु हो जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Dec 2018 06:38 PM (IST)Updated: Sat, 08 Dec 2018 06:38 PM (IST)
एक छत के नीचे पश्चिमी हिमालय की प्राणी संपदा
एक छत के नीचे पश्चिमी हिमालय की प्राणी संपदा

संवाद सहयोगी, सोलन : भारत के पश्चिमी हिमालय में पाई जाने वाले प्राणी संपदा की प्रजातियों को सोलन में एक ही छत तले देखा सकेगा। सोलन में उत्तरी भारत की पहली हिमालयन डिपोजिटरी (संग्रहालय) का तीन मंजिला भवन बनकर तैयार हो गया है। इसी माह इसके उद्घाटन की योजना है व उसके बाद यह वैज्ञानिकों के लिए शुरू हो जाएगा। इसमें वैज्ञानिकों द्वारा शोध कार्य व हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाली जीव जंतुओं के संरक्षण का कार्य शुरू हो जाएगा। भारतीय प्राणी सर्वेक्षण विभाग (जेडएसआइ) कोलकाता के 2015 में शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में इस डिपोजिटरी का शिलान्यास तत्कालीन निदेशक ने 24 जुलाई 2015 को किया था। भारतीय प्राणी सर्वेक्षण विभाग हाई अल्टीट्यूट स्टेशन सोलन परिसर में बनाए जा रहे इस संग्रहालय पर डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। यह संग्रहालय सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। इस आधुनिक संग्रहालय को स्थापित करने का उद्देश्य है कि भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआइ) का ज्ञान जनसाधारण तक पहुंचे व हिमालय क्षेत्रों में लुप्त हो रही जीव जंतुओं की प्रजातियों का संरक्षण हो सके। इनमें कुछ जीव-जंतुओं की पहचान करना भी अभी बाकी है। इन सभी का डिजिटलीकरण करना व डीएनए का सरंक्षण इस संग्रहालय में किया जाएगा। इससे यह पता चल सकेगा कि पश्चिमी भारत में वन्य प्राणियों की कौन कौन सी प्रजातियां लुप्त होने की कगार पर है। संस्थान के रूप में भी कार्य करेगा संग्रहालय

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इस संग्रहालय में देशभर में अब तक पश्चिमी हिमालय में मौजूद वन्य प्राणी संपदा पर की गई शोध को इस डिपोजिटरी में रखा जाएगा। अभी तक इस दिशा में काफी कार्य किया गया है, लेकिन ऐसा कोई संग्रहालय नहीं होने के कारण हिमालय की प्राणी संपदा का ज्ञान देश में इधर उधर बिखरा पड़ा है। यहां डिपोजिट होने वाले फौना की स्कै¨नग व ग्राफिक भी की जाएगी। इसमें शोधकर्ताओं को भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

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भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, हाई अल्टीट्यूड स्टेशन सोलन परिसर में उत्तरी भारत की पहली हिमालयन डिपोजिटरी (भंडार) का भवन बनकर तैयार हो गया है। इसमें मशीनरी व अन्य उपकरण लग जाएंगे। इस पर डेढ़ करोड़ की राशि व्यय की गई है। जल्द ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। इस संग्रहालय में अब तक पश्चिमी हिमालय में पाई जाने वाली तमाम प्राणी संपदा एक छत के नीचे रखी जाएगी।

- डॉ. अवतार कौर, प्रभारी अधिकारी, जेडएसआइ सोलन।


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