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सोलन में निजी बसें सैनिटाइज करने की नहीं व्यवस्था

संवाद सहयोगी सोलन सरकार ने 50 फीसद सवारियों के साथ निजी व सरकारी बसों को चलाने के लिए

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 05:42 PM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2020 05:42 PM (IST)
सोलन में निजी बसें सैनिटाइज करने की नहीं व्यवस्था
सोलन में निजी बसें सैनिटाइज करने की नहीं व्यवस्था

संवाद सहयोगी, सोलन : सरकार ने 50 फीसद सवारियों के साथ निजी व सरकारी बसों को चलाने के लिए अनुमति दी है। हालांकि बसों में सवारियों की सुरक्षा के लिए कोविड-19 नियमों का पालन करना जरूरी किया गया है। हैरानी की बात है कि सोलन में निजी बसों को सैनिटाइज करने की कोई व्यवस्था नहीं है। बस ऑपरेटर अपने खर्च पर ही बसों को सैनिटाइज कर रहे हैं। वहीं परिवहन निगम की बसें वर्कशॉप में सैनिटाइज हो रही हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) 15 रुपये प्रति बस सैनिटाइजेशन पर खर्च कर रहा है।

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निजी बस ऑपरेटरों का कहना है कि लॉकडाउन के बाद जब बस सेवाएं शुरू हुई तो शुरुआत के कुछ दिन परिवहन विभाग द्वारा बस अड्डों में बसें सैनिटाइज करने को कर्मचारियों की तैनाती की थी, लेकिन अब सभी बस ऑपरेटर रूट पर जाने से पहले खुद ही बसें सैनिटाइज कर रहे हैं।

शूलिनी निजी बस ऑपरेटर संघ का कहना है कि सरकार को बस अड्डों पर बसें सैनिटाइज करने की व्यवस्था करनी चाहिए। ऑपरेटरों का कहना है कि वे पहले ही रूटों पर सवारियां न मिलने के चलते मंदी की मार झेल रहे हैं। उनके द्वारा बसों को खुद ही सैनिटाइज किया जा रहा है। वहीं सोलन डिपो में परिवहन निगम की बसों को नियमित सैनिटाइज किया जा रहा है।

परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक सुरेश धीमान का कहना है कि वर्कशॉप में बसों को सैनिटाइज करने पर दस से 15 रुपये प्रति बस खर्च आता है। सभी बसें सैनिटाइज करने में निगम के एक हजार रुपए खर्च हो जाते हैं। जिले में 40 फीसद रूटों पर चल रहीं निजी बसें

वर्तमान में जिला सोलन में 40 फीसद रूटों पर ही निजी बसें चल रही हैं। रूटों पर यात्रियों की संख्या न बढ़ने के चलते अब तक सभी रूट शुरू नहीं किए गए हैं। शूलिनी निजी बस ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष रघुविद्र सिंह मेहता ने बताया कि जिला निजी बसों के करीब 220 रूट हैं व वर्तमान में 40 फीसद रूटों पर ही बसें चल रही हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा बस अड्डों पर निजी बसों को सैनिटाइज करने की कोई उचित व्यवस्था नहीं की है, जिसके चलते ऑपरेटर को स्वयं ही बसें सैनिटाइज करनी पड़ रही हैं। रूटों पर जाने से पहले व आने के बाद हर बस को सोलन स्थित वर्कशॉप में सैनिटाइज किया जा रहा है। सोलन डिपो में बसों को सैनिटाइज करने में निगम का एक हजार रुपये प्रतिदिन खर्च होता है। सोलन डिपो में वर्तमान में 80 रूटों पर निगम की बसें चल रही हैं।

सुरेश धीमान, क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन निगम सोलन। निजी बसों की सैनिटाइज करने की विभाग द्वारा इन दिनों कोई व्यवस्था नहीं है। उच्च अधिकारियों से आदेश मिलने के बाद बसों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था दोबारा शुरू की जाएगी।

राकेश कुमार सिघा, आरटीओ सोलन।


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