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दो दिन बहन के घर रहने के बाद अपने मूल स्थान लौटीं मां शूलिनी

राज्यस्तरीय शूलिनी मेला रविवार को मां शूलिनी के बड़ी बहन के घर से अपने मूल स्थान लौटने के साथ संपन्न हो गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 08:19 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 08:19 PM (IST)
दो दिन बहन के घर रहने के बाद अपने मूल स्थान लौटीं मां शूलिनी
दो दिन बहन के घर रहने के बाद अपने मूल स्थान लौटीं मां शूलिनी

संवाद सहयोगी, सोलन : राज्यस्तरीय शूलिनी मेला रविवार को मां शूलिनी के बड़ी बहन के घर से अपने मूल स्थान लौटने के साथ संपन्न हो गया। दो वर्ष बाद हुए शूलिनी मेले में काफी संख्या में लोग इस बार पहुंचे। शुक्रवार को मां शूलिनी अपने स्थान से पालकी में शहर की परिक्रमा करने के बाद बड़ी बहन गंज बाजार स्थित मां दुर्गा से मिलने पहुंची थीं और दो दिन तक लोगों के दर्शनार्थ यहां विराजमान रहीं।

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रविवार देर रात मां शूलिनी शिल्ली रोड पर स्थित अपने मंदिर में पहुंचीं। माता के लौटने से पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी गंज बाजार स्थित माता के दर्शन के लिए पहुंचे। उन्होंने माथा टेककर प्रदेश की खुशहाली व समृद्धि की कामना की। शूलिनी मेले की परंपरा रही है कि यहां पर मेले का शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री करते हैं, लेकिन इस बार सीएम मेले के शुभारंभ पर नहीं आ पाए थे। मां शूलिनी के नाम से पड़ा है सोलन का नाम

मां शूलिनी बघाट रियासत के शासकों की कुल देवी मानी जाती हैं और मां शूलिनी देवी के नाम से ही सोलन का नामकरण हुआ है। रियासत के विभिन्न शासकों के काल से ही माता शूलिनी का मेला आयोजित किया जा रहा है। लोगों का मानना है कि मां शूलिनी के प्रसन्न होने पर क्षेत्र में किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा व महामारी का प्रकोप नहीं होता है बल्कि खुशहाली आती है और मेले की यह परंपरा आज भी कायम है। इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए जिला प्रशासन ने इस वर्ष भी तीन दिन तक मेला आयोजित करवाया।


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