श्रमिकों के हित के लिए बुलंद की आवाज
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर भोजिया डेंटल कालेज एवं अस्पताल कर्मचारी यूनियन आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने एक समारोह का आयोजन किया।
संवाद सहयोगी, बद्दी : अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर बुधवार को भोजिया डेंटल कॉलेज एवं अस्पताल कर्मचारी यूनियन ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने कार्यक्रम आयोजित कया। इसमें जिलाध्यक्ष सतीश शर्मा विशेष तौर पर उपस्थित हुए। एटक से संबंधित अन्य यूनियनों ने आयोजित समारोह में शिरकत कर श्रमिकों के हित को लेकर आवाज बुलंद की। इसके अलावा कॉलेज के गेट पर नया झंडा लगाने की रस्म अदायगी भी की गई। जिलाध्यक्ष सतीश शर्मा ने मजदूर दिवस का महत्व व इतिहास बताया। उन्होंने देश व बीबीएन औद्योगिक क्षेत्र में कार्य करने के दौरान शहीद हुए तमाम मजदूरों को नमन कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रमिक अपने व अपने परिवार के सपनों की आहुति देता है तब जाकर अन्य लोगों के सपने पूरे होते हैं। देश के निर्माण में उनका योगदान महत्वपूर्ण है। सतीश शर्मा ने कहा कि जिला सोलन विशेषकर बीबीएन क्षेत्र में श्रम कानूनों का उल्लंघन हो रहा है व श्रम विभाग श्रम कानूनों को लागू करने में विफल रहा है। केंद्र सरकार मजदूर विरोधी नीतियों को देश में लागू करना चाहती है इसलिए बहुत से पुराने श्रम कानूनों में बदलाव करने जा रही है जोकि मजदूरों के साथ अन्याय है। उद्योगों में प्रतिदिन 12 घंटे कार्य करवाया जा रहा है और डबल ओवरटाइम नहीं दिया जा रहा है। जिला सोलन में बहुत सी निजी सिक्योरिटी एजेंसी कार्य कर रही हैं जिसमें 12 घंटे कार्य करवाने के बाद सुरक्षा कर्मियों को आठ से नौ हजार वेतन दिया जाता है। ऐसी एजेंसियों का लाइसेंस रद किया जाना चाहिए। कर्मचारी यूनियन के प्रधान किशोर चंद व जसमेर सिंह ने भोजिया कॉलेज के संचालकों को चेतावनी दी कि मजदूरों की मांगों को पूरा करें अन्यथा आंदोलन तेज किया जाएगा।
मजदूर दिवस पर उद्योगों में छुट्टी घोषित करे सरकार
जनशक्ति मजदूर सभा के प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार चौधरी, मेलाराम चंदेल, महासचिव राजू भारद्वाज, भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष नंदलाल शर्मा, गोपाल चौधरी, हरबंस राणा, एटक के जिलाप्रधान सतीश शर्मा, इंटक के प्रदेश उपाध्यक्ष गुरपाल सिंह लुबाणा ने कहा कि चूंकि आज का दिन श्रमिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए इस दिन प्रदेश सरकार को उद्योगों में छुट्टी घोषित करनी चाहिए। ताकि श्रमिक इस दिन को आराम से मना सकें। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि मजूदरों को उनके ही श्रमिक दिवस पर कारखानों में काम करने आना पड़ता है।