नर्सरी ही नहीं उगाई तो कैसे होगा पौधारोपण
उपमंडल मुख्यालय अर्की में स्थित फल संतति विभाग मूलभूत सुविधाओं के लिए तर
योगेश चौहान, अर्की
उपमंडल मुख्यालय अर्की में स्थित फल संतति विभाग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। विभाग का भवन जर्जर है। अधिकतर पद खाली हैं, जिससे किसानों व बागवानों की जरूरत पूरी करने के लिए बाहर से पौधे मंगवाए जा रहे हैं, जिससे पौधारोपण कार्यक्रम भी प्रभावित हो रहा है।
करीब 13 बीघा जमीन पर फल संतति विभाग का कार्यालय वर्ष 1973 में बना था। यहां किसान बागवानों के लिए हर वर्ष हजारों फलदार पौधों की नर्सरी तैयार की जाती है। फल संतति एवं उद्यान प्रदर्शन विभाग अर्की को इन कर्मचारियों के न होने से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यहां छह पद सृजित किए हैं। इनमें एक पद उद्यान प्रसार अधिकारी व पांच पद बेलदार के हैं, लेकिन आलम यह है कि केवल एक पद प्रसार अधिकारी व एक बेलदार का भरा हुआ है। इसका खामियाजा बेलदार के साथ किसानों व बागवानों को भुगतना पड़ रहा है। एक बेलदार के सहारे पौधों का वितरण व नर्सरी की देखरेख करना मुश्किल है।
इस नर्सरी में पहले करीब 10 हजार विभिन्न प्रजातियों के पौधे उगाए जाते थे। अर्की विधानसभा क्षेत्र की लगभग 25 पंचायतों के किसान व बागवानों को सस्ते दाम पर यहां पौधे मिलते थे, लेकिन आज हालात यह हैं कि बाहर से पौधे मंगवाए जा रहे हैं। इस कारण महंगे पौधे उपलब्ध हो रहे हैं। किसी भी दल के नेता ने इस उद्यान विभाग की दशा सुधारने की दशा में कोई कदम नहीं उठाया है।
उद्यान प्रसार अधिकारी प्रेमचंद कालिया ने बताया कि बेलदारों की कमी के चलते पौधे बाहर से मंगवाने पड़ रहे हैं व भवन का एस्टीमेट बनवाकर उच्चाधिकारियों को भिजवा दिया है।